उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड पर फिर बवाल, तीर्थपुरोहितों ने पूर्व सीएम को बयान पर घेरा, कह डाली ये बड़ी बात
देहरादून। उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर तीर्थपुरोहितों ने फिर मोर्चा खोल दिया है। चारधाम के तीर्थपुरोहितों की महापंचायत ने पूर्व सीएम के बयान की निंदा की और कहा कि लगता है कि सत्ता से दूर रहने और जनता के नकारने के चलते वह दिग्भ्रमित हो गए हैं। यही कारण है कि वह जोशीमठ आपदा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर ऊलजलूल बयान देकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते है। महापंचायत ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि पूर्व सीएम अपने बयान पर माफी मांगें। अन्यथा वह चारधामों में उनके खिलाफ मोर्चा खोल देंगे।
जोशीमठ में आई आपदा के बाद प्रभावित हुए लोगों के दर्द पर मरहम लगाने के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गत दिवस एक बार फिर देवस्थानम बोर्ड को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बयान में कहा कि यदि देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में होता तो उसकी आय से पूरा जोशीमठ का पुनर्निर्माण हो जाता। पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद तीर्थपुरोहितों में आक्रोश है। तीर्थपुरोहितों की महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और प्रवक्ता रजनीकांत सेमवाल ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि लगता है कि पूर्व सीएम रावत दिग्भ्रमित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड के विकास और देश के विकास में दिनरात काम कर रहे हैं। लेकिन क्या उसके लिए किसी संस्थान और बोर्ड की आय से एकत्र होने वाले बजट का इंतजार होगा। ऐसे में जोशीमठ का पुनर्निर्माण के लिए देवस्थानम बोर्ड से होने वाली आय की बात कहना गलत है।
चारधाम तीर्थपुरोहितों की महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और प्रवक्ता रजनीकांत सेमवाल ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि राज्य में चार साल तक तुगलकी फरमान जारी करने के बाद जनता ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को नकार दिया था, जिसके बाद उनको सत्ता से बेदखल कर दिया था। तब से वह सत्ता में आने के लिए तरस रहे हैं। देवस्थानम बोर्ड पर उनके बयान के पीछे भी यही मंशा दिख रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार चारधामों के विकास को लेकर महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पुनर्निर्माण की कमान स्वयं संभाले हुए हैं। पीएम ने केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ संवारने की योजना को भी सहमति दी है। इसी कड़ी में गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में सड़क समेत अन्य सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले आपदा और बाद में कोरोना ने चारधाम यात्रा को प्रभावित किया था। लेकिन धामी सरकार ने चारधाम में बेहतर व्यवस्था देकर देश दुनिया में अच्छा संदेश दिया है।
चार साल में क्या काम हुआ नहीं पता
महापंचायत के प्रवक्ता रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम के तीर्थपुरोहितों के विरोध के बीच देवस्थानम बोर्ड बनाया था और अफसरों की तैनाती की थी। ऐसे में वह बताएं कि देवस्थानम बोर्ड ने चार साल में क्या किया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से डेढ़ से दो सौ करोड़ की कमाई की बात करने वाले पूर्व सीएम पहले अपने कार्यकाल के कामों का व्यौरा दें। उन्होंने कहा कि देवस्थानम जितने दिनों में भी अस्तित्व में रहा, उस दौरान चारधाम में क्या विकास हुआ है और कितनी आय हुई है, यह सब जगजाहिर है। ऐसे में बयानबाजी देकर पूर्व सीएम जोशीमठ के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्यों को प्रभावित करना चाहते हैं।