फ्रीज जोन से मिली राहत: देहरादून में अब छोटे घरों व दुकानों के निर्माण को हरी झंडी, धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला

देहरादून। राजधानी देहरादून में ढाई साल से अधिक समय से लागू फ्रीज जोन की बंदिशों से अब नागरिकों को राहत मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि अब फ्रीज जोन क्षेत्रों में छोटे घरों और दुकानों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
मार्च 2023 में रायपुर से हरिद्वार रोड तक 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित किया गया था, ताकि यहां एडमिन सिटी के रूप में विधानसभा, सचिवालय और अन्य कार्यालयों का निर्माण हो सके। लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई। इससे नागरिकों को परेशानी झेलनी पड़ी और अवैध निर्माण भी तेजी से बढ़े।
06 माह में बनना था मास्टर प्लान, अब तक नहीं बनी रूपरेखा
फ्रीज जोन घोषित करते समय छह माह में मास्टर प्लान तैयार करने का निर्णय हुआ था, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। यह प्रक्रिया फिलहाल और लंबी खिंचने की संभावना है।
वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया अधर में
एडमिन सिटी परियोजना के लिए रायपुर क्षेत्र में वन भूमि राज्य संपत्ति विभाग के नाम हस्तांतरित की गई थी, परंतु औपचारिकताएं पूरी न होने से अब मामला पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्तर पर लंबित है।
इन क्षेत्रों में लगा था प्रतिबंध
रायपुर, नेहरूग्राम (आंशिक), चक तुनवाल मियांवाला, नथुवावाला, मियांवाला, हर्रावाला, बालावाला, हर्रावाला (दूसरा भाग आंशिक), कुंआवाला, नकरौंदा और गूलरघाटी (आंशिक)।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को नियमित आंगनवाड़ी में बदला जाएगा।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से 50% पदों पर सुपरवाइजर के रूप में प्रमोशन।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक को 5 वर्ष की सेवा के बाद एक बार अन्य जनपद में तबादले की अनुमति।
- समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिकों के विवाह पंजीकरण हेतु विदेशी नागरिक पंजीकरण प्रमाण पत्र होगा मान्य।
- पदोन्नति में स्थिलीकरण प्रस्ताव को मंजूरी, सेवाकाल में एक बार लाभ।
- विधानसभा मानसून सत्रावसान को मंजूरी।
- उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
- राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15% राज्य सरकार को देना होगा।