पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध मौत पर राजनीति गरमाई, निष्पक्ष जांच की उठी मांग

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में युवा पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस प्रकरण पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा घटनाक्रम एक षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। उन्होंने तत्काल, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा कि “बीजेपी राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है। जो सच लिखते हैं, जनता की आवाज उठाते हैं और सत्ता से सवाल करते हैं, उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। राजीव प्रताप जी की मृत्यु की अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय मिलना चाहिए।”उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा – “उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ दुखद नहीं, बल्कि भयावह है। इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा हूं और संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की सीबीआई जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने भी इस मामले में उच्चस्तरीय या सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजीव प्रताप ने हाल ही में उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद उनकी मौत संदेहास्पद लगती है। माहरा ने सवाल किया कि क्या यह महज सड़क हादसा है या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र छिपा हुआ है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सड़क हादसे की पुष्टि
वहीं, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि राजीव प्रताप की मौत सड़क हादसे में हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, शव पर मारपीट या हिंसा के निशान नहीं मिले। हालांकि छाती और पेट में गंभीर आंतरिक चोटें पाई गईं, जो संभवतः वाहन दुर्घटना के समय आई थीं और मौत का कारण बनीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने एक विशेष जांच टीम गठित करने की घोषणा की है। यह टीम उत्तरकाशी के पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में काम करेगी और मामले से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच करेगी।टीम को निर्देश दिए गए हैं कि सभी सीसीटीवी फुटेज का दोबारा विश्लेषण किया जाए। राजीव प्रताप के अंतिम समय में संपर्क में रहे लोगों के बयान दर्ज किए जाएं। उनकी कॉल डिटेल्स और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच की जाए। अब तक मिले सभी सुरागों और सबूतों की गहन समीक्षा की जाए।
गौरतलब है कि युवा पत्रकार राजीव प्रताप सिंह 18 सितंबर की रात से लापता थे। 20 सितंबर को उनका वाहन भागीरथी नदी में क्षतिग्रस्त अवस्था में मिला था। इसके बाद 28 सितंबर को जोशियाड़ा झील से उनका शव बरामद किया गया। अब यह मामला न सिर्फ पत्रकारिता जगत बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बन गया है।