Uttarakhandउत्तराखंडदावादो टूक

UKSSSC पेपर विवाद: SIT की जांच शुरू, सबूत देने के लिए जारी हुए ईमेल और व्हाट्सएप नंबर

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हालिया स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर विवाद ने राज्य में सियासी हलचल बढ़ा दी है। सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। इसकी निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश करेंगे। साथ ही, SIT ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी के पास संबंधित साक्ष्य हों तो उन्हें साझा करें। इसके लिए ईमेल spdehatddn@gmail.com और मोबाइल/व्हाट्सएप नंबर 9027083022 जारी किए गए हैं।

यहां हुई विवाद की शुरुआत

रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्नपत्र की तस्वीरें बाहर भेजे जाने की पुष्टि हुई। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई और 11:35 बजे तक तीन पन्ने बाहर जाने का मामला सामने आया। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कोई बड़े स्तर का संगठित नेटवर्क नहीं, बल्कि सीमित दायरे की घटना है। इसके बावजूद इसे गंभीरता से लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने की त्वरित गिरफ्तारी

प्रकरण सामने आते ही सरकार और पुलिस हरकत में आई। मुख्य आरोपी खालिद मलिक को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी बहन साबिया पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी थी। खालिद की दूसरी बहन हीना और सहयोगी सुमन चौहान की भूमिका भी जांच में खंगाली जा रही है।

SIT की संरचना और अधिकार क्षेत्र

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने प्रेस वार्ता में बताया कि SIT की कमान एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। इस जांच दल को पूरे प्रदेश में कार्रवाई का अधिकार होगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसकी निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।

पेपर विवाद से राजनीतिक सरगर्मी

पेपर विवाद के बाद छात्र नाराजगी जताते दिखे। सरकार का कहना है कि युवाओं की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा, लेकिन कुछ दल और संगठन इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार का फोकस केवल परीक्षा की विश्वसनीयता और अभ्यर्थियों के हितों पर है।

आगे की कार्रवाई फिलहाल स्थगित

राज्य सरकार ने साफ किया है कि SIT की रिपोर्ट आने तक आयोग परीक्षा से जुड़ा कोई अगला कदम नहीं उठाएगा। हरिद्वार केंद्र की अलग से जांच होगी और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों पर कठोर दंड तय है। भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाएगी।

सरकार का परीक्षा को लेकर स्पष्ट रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को उदाहरणात्मक सजा दी जाएगी ताकि परीक्षा प्रणाली की साख पर कोई आंच न आए और मेहनती अभ्यर्थियों का विश्वास कायम रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button