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एमडीडीए की बड़ी कार्रवाई, एक माह में 150 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त, दर्जनों बहुमंजिला इमारतें सील

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों पर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध प्लॉटिंग और नियमविरुद्ध निर्माण के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई अंजाम दी है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अगुवाई में बीते एक माह में लगभग 150 बीघा अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया है, जबकि ऋषिकेश समेत कई क्षेत्रों में दर्जनों बहुमंजिला इमारतों को सील किया गया है।

इसके अतिरिक्त माजरी ग्रांट, नेहरू कॉलोनी, सहस्त्रधारा रोड, शिमला बाईपास हिन्दुवाला क्षेत्र और हरिद्वार रोड पर कई निर्माण सील किए गए। सबसे बड़ी कार्रवाई ऋषिकेश में हुई, जहाँ निर्मल बाग, वीरभद्र रोड, गली नंबर 10–11 और कोयल ग्रांट क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों पर ताले जड़ दिए गए। पुलिस बल और बुलडोज़र की मौजूदगी में हुई इन कार्रवाइयों ने माफियाओं को सख्त संदेश दिया है। स्थानीय लोग भी सरकार की इस पहल को सराह रहे हैं और इसे प्रदेश के हित में जरूरी कदम मान रहे हैं। एमडीडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई सिर्फ देहरादून तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रदेशभर में अवैध प्लॉटिंग और नियमविरुद्ध निर्माण के खिलाफ इसी तरह का सख्त अभियान जारी रहेगा।

यहां चली बड़ी कार्रवाई

  • डोईवाला (झाबरावाला) – 18 बीघा
  • रानीपोखरी (डांडी गांव) – 10–12 बीघा
  • भानियावाला (बक्सारवाला) – 25 बीघा
  • देहरादून (हरिद्वार रोड, साईं मंदिर के पास) – 40 बीघा
  • शीशमबाड़ा – 10 बीघा
  • रूपनगर बद्रीपुर – 5 बीघा

जीरो टॉलरेंस पर एमडीडीए

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा साफ है—अवैध प्लॉटिंग और निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे। यह कार्रवाई अंतिम नहीं है, बल्कि लगातार जारी रहेगी।

जनता को किया जा रहा सचेत

प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि वे भू-माफियाओं के झांसे में न आएं और किसी भी प्लॉट या निर्माण की वैधता की पुष्टि एमडीडीए से जरूर करें। अवैध निर्माण भविष्य में आर्थिक और कानूनी संकट का कारण बन सकते हैं।

योजनाबद्ध विकास पर जोर

तिवारी ने कहा कि योजनाबद्ध विकास और उत्तराखंड की खूबसूरती को बचाने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है। अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण और भूगोल को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि प्रदेश की पहचान और भविष्य के लिए भी खतरा हैं।

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