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उत्तराखंड फुटबॉल संघ में बड़ा फेरबदल तय!, इन पदाधिकारियों की छुट्टी तय

देहरादून। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) से संबंधित अहम फैसला सुनाते हुए चार सप्ताह के भीतर नया संविधान लागू करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के फुटबॉल महासंघों में बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है।यदि एआईएफएफ का नया संविधान तुरंत लागू होता है तो उत्तराखंड राज्य फुटबॉल संघ (USFA) के शीर्ष तीन पदाधिकारियों में सुबोध उनियाल उत्तराखंड के वन मंत्री और USFA के अध्यक्ष, एआईएफएफ के नए संविधान के तहत मंत्री या सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति किसी भी संघ का पदाधिकारी नहीं हो सकते। देवेंद्र बिष्ट – USFA उपाध्यक्ष एवं ओएनजीसी के कर्मचारी हैं, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) में कार्यरत होने के कारण अब संघ का पद नहीं संभाल पाएंगे। इसके अलावा अख्तर अली  वर्ष 2000 से USFA के सचिव। नए संविधान के अनुसार किसी भी पदाधिकारी का अधिकतम कार्यकाल 12 वर्ष (या 4-4 वर्ष के तीन कार्यकाल) होगा। इसके बाद 4 साल की अनिवार्य कूलिंग ऑफ अवधि लागू होगी।

 नया संविधान और अहम प्रावधान

  • मंत्री, सरकारी कर्मचारी या किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष हित वाले व्यक्ति संघ का पद नहीं संभाल सकते।
  • 12 वर्षों से अधिक कार्यकाल की अनुमति नहीं होगी।
  • “अप्रत्यक्ष हित” को भी हितों का टकराव मानते हुए अयोग्यता माना जाएगा।

नए संविधान का बड़ा असर

नए प्रावधान लागू होने से न केवल उत्तराखंड, बल्कि देशभर के फुटबॉल संघों में बड़े पैमाने पर पदाधिकारियों की छुट्टी होगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे खेल संघों में पारदर्शिता और प्रोफेशनलिज्म बढ़ेगा।

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