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देहरादून में नामी बिल्डर, शराब कारोबारियों के यहां इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई

देहरादून। देहरादून के विभिन्न इलाकों में आज सुबह से अलग-अलग टीमों द्वारा बड़े बिल्डरों व शराब कारोबारियों के ठिकानों पर छापे शुरू किए गए हैं। आयकर विभाग की इन कार्रवाइयों से शहर में हलचल है। Ppयह कार्रवाई इस प्रकार है।

विभाग की टीमों ने दिल्ली-से आ रही समर्थन टीमों के साथ मुख्य रूप से बड़े बिल्डरों जैसे राकेश बत्ता, कमल अरोड़ा, इंदर खत्री, व होटल, स्कूल संचालक रमेश बत्ता (कसीगा स्कूल संचालक) तथा शराब कारोबारियों प्रदीप वालिया, (एक ही नाम के) कमल अरोड़ा सहित पुंडीर व चौहान के यहां जांच-पड़ताल कर रही हैं। जाँच मुख्य रूप से निम्नलिखित इलाकों में चल रही है। एमकेपी रोड (MKP Road), द्वारका स्टोर क्षेत्र (Dwarka Store Area), राजपुर रोड (Rajpur Road), सूत्रों के अनुसार, “करोड़ों रुपये के अघोषित ट्रैंजैक्शन” मिलने के बाद यह कार्रवाई तेज़ की गई है। 

पृष्ठभूमि और पूर्व पैटर्न

देहरादून-ऋषिकेश इलाके में पूर्व में भी बड़े बिल्डरों व होटल व्यवसायियों के खिलाफ पहले छापे हो चुके हैं। उदाहरण के तौर पर, वर्ष 2017 में राज्य के सबसे बड़े I-T रेड में 21 करोड़ रुपये से अधिक का “अघोषित धन” पकड़ा गया था।इस प्रकार की कार्रवाई लगातार बढ़ती हुई प्रवृत्ति का संकेत देती है। 

संकेत और संभावित असर

यह स्पष्ट है कि विभाग ने उद्योग-वित्तीय गतिविधियों, रियल एस्टेट लेन-देनों, और शराब कारोबार की संभावित टैक्स चोरी पर फोकस किया है। इस तरह की व्यवसायिक गतिविधियाँ अक्सर “अघोषित आय”, नकदी लेन-देनों, बैंकिंग ट्रैकिंग से बचने या लेखा विहीन खर्चों के चलते आयकर नियमों के उल्लंघन में पाई जाती हैं। प्रशासन-वित्तीय नियामक दलों का यह संकेत है कि राज्य में बड़े उद्योग-व्यवसायियों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।

अभी ध्यान देने योग्य बातें

विभाग की ओर से आधिकारिक बयान अभी जारी नहीं हुए हैं, इसलिए नामित व्यक्तियों ने टिप्पणी नहीं की है। यह भी स्पष्ट नहीं है अभी कि जाँच-दरों कितने हैं, क्या समन जारी हुए हैं या कितनी संपत्तियाँ सीज हुई हैं। ऐसे मामलों में अक्सर लेखा-पुस्तकों, बैंक स्टेटमेंट्स, निवेश दस्तावेजों, और नकदी रसीदों जैसी जानकारियाँ गठित की जाती हैं इसलिए प्रभावितों को कानूनी सलाह लेने का सुझाव होगा। भविष्य में यह देखा जाना चाहिए कि क्या इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप प्रारंभिक नोटिस, जूरीडिशनल कार्रवाई, या कानूनी प्रतिबंध लगे हैं।देहरादून में आयकर विभाग की यह तलाशी एक बड़े संकेत के रूप में देखी जा सकती है कि राज्य में बड़े पैमाने पर कर अनुपालन व वित्तीय पारदर्शिता की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। बिल्डिंग, रियल एस्टेट, शराब कारोबार जैसे क्षेत्र जहाँ नकदी लेन-देनों की संभावना अधिक है वहाँ विभाग का यह फोकस अहम माना जा सकता है।अगले कुछ दिन हमें यह देखने को मिलेगा कि विभाग की जाँच-कार्यवाही आगे कैसे बढ़ती है, क्या जुर्माना या कानूनी प्रतिबंध लगते हैं, और प्रभावित व्यवसायियों की प्रतिक्रिया क्या होगी

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