
देहरादून। उत्तराखंड में जमीन कब्जाने से लेकर अपराध जगत से काली कमाई का पैसा इन्वेस्ट करने वाले बदमाशों पर एसटीएफ ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ ने हरिद्वार में करोड़ों की जमीन को फर्जी कहानी यानी वॉलीवुड की फ़िल्म “सात उच्चके” जैसी फ़िल्म बनाने की फिराक में जुटे वेस्टर्न यूपी के शातिर गैंगस्टर यशपाल तोमर पर बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने यशपाल और उसके गैंग की फर्जी तरीके से अर्जित की गई करीब 153 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच कर दिया है। कुख्यात शातिर गैंगस्टर यशपाल तोमर की अवैध तरीके से अर्जित की गई कीमती सम्पत्तियों की कुर्की (अटेचमेन्ट) की कार्यवाही उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में एसटीएफ द्वारा प्रारम्भ। एसटीएफ की। इस कार्रवाई से न केवल यशपाल गैंग बल्कि उत्तराखंड की शांत वादियों में शरण ले रखे दूसरे गैंग के बदमाशों में हड़कंप मचा है।
डीजीपी बोले, उत्तराखंड को अपराधियों की शरण स्थली नहीं बनने देंगे
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार द्वारा अपने पद पर आसीन होते ही पहले दिन राज्य के पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि उत्तराखण्ड को किसी भी दशा में कुख्यात / शातिर अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने देगें।
जिस क्रम में तभी से एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा कुख्यात / शातिर / अभ्यस्त / गैंगस्टर अपराधियों को चिन्ह्ति कर उनके विरूद्व ताबडतोड वैधानिक कार्यवाही कर उनको उनकी जगह जेल के अन्दर पहॅुचाया जा रहा है, जिस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड पुलिस व एसटीएफ उत्तराखण्ड ने भारतवर्श में पुलिसिंग में अपना एक स्थान व अलग पहचान बनाई है, जिसकी राज्य की आम जनता व मीडिया द्वारा प्रंषसा की गई है।
सात उच्चके फिल्म जैसी गैंगस्टर यशपाल की कहानी
उत्तराखण्ड एसटीएफ को कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शातिर यशपाल तोमर का नाम विगत वर्ष तब सामने आया जब हरिद्वार के एक बडे व्यापारी से उसकी सम्पत्ति हड़पने के लिये धमकी दिये जाने का प्रकरण थाना ज्वालापुर हरिद्वार में पंजीकृत किया गया। एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा उक्त सम्बन्ध में गोपनीय जांच शुरू की गयी तो शातिर यशपाल तोमर के कारनामों की ऐसी कहानी प्रकाष में आई जो वाॅलीवुड की फिल्म ‘‘सात उच्चके’’ से मिलती जुलती थी, जिसमें किरदार किसी की सम्पत्ति हड़पने के लिये या किसी पर दबाव बनाने के लिये या किसी को जेल भेजने के लिये एक काल्पनिक घटना को स्टोरी बनाकर पुलिस के सामने इस तरह से प्रस्तुत करता है कि वो तथ्यों के आधार पर बिलकुल सच लगे और निर्दोश व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भेज दिया जाता है, फिर खेल शुरू होता है जेल जाने वाले व्यक्ति को अपने इशारों में चलाने का।
उक्त फिल्मी कहानी की तरह यशपाल तोमर द्वारा की गयी आपराधिक गतिविधयों कोे जब एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच की गयी तो कई हैरान करने वाली घटनायें प्रकाश में आयी। यशपाल तोमर मुलतः ग्राम बरवाला थाना रमाला जनपद बागपत का रहने वाला है जो पेशे से किसान था तथा इसके परिवार में पांच भाईयों के पास करीब 09 बीघा जमीन थी। वहीं से यशपाल तोमर थाना बरवाला के तत्कालीन एक पुलिस अधिकारी के सम्पर्क में आया और पुलिस की सारी गतिविधियों को करीब से जानकर एक सफेदपोश शातिर अपराधी बन गया जिसने अब तक ज्ञात करीब 153 करोड़ की सम्पत्ति विभिन्न राज्यों में अपने एवं अपने निकट रिश्तेदार के नाम पर अर्जित कर ली।
उत्तराखंड में यहां से शुरू हुआ यशपाल का अपराध
सर्वप्रथम यशपाल तोमर वर्ष 2002 में थाना कोतवाली हरिद्वार से पुलिस पर जानलेवा हमला करने, अवैध हथियार रखने व धोखाधडी के जुर्म में गिरफ्तार हुआ था तथा जेल में रहकर उसने अपना नेटवर्क स्थापित किया इसके उपरान्त वर्ष 2004 में हरिद्वार के एक व्यापारी के विरूद्ध थाना सरसावा व साहिबाबाद थाने में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण व बलात्कार का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया जिस मुकदमें की आड़ में उस पर समझौते का दबाव बनाकर उसकी भूपतवाला स्थित करोडो की जमीन को औने पौने दाम में खरीद अपने सहयोगी के नाम पर करा लिया। इसके बाद यशपाल तोमर ने उपरोक्त मोडस अपरेन्डी का प्रयोग करते हुये इस प्रकार के अपराध करने के लिये एक बड़ा नेटवर्क स्थापित कर लिया। उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेष, पंजाब तथा राजस्थान राज्य के विभिन्न थानो में अलग-अलग भोले-भाले व्यापारियों/किसानो के विरूद्ध काल्पनिक स्टोरी बनाकर संगीन धाराओं जैसे बलात्कार, जान से मारने का प्रयास, छेडछाड, चोरी आदि के विभिन्न मुकदमें पंजीकृत कराये गये। इसके गैंग में सहयोगी के रूप में कई अन्य पुरूश व महिलायें भी शामिल है, महिलायें यशपाल तौमर की प्लानिंग के अनुसार बलात्कार और छेड़खानी के अभियोग दर्ज कराया करती थी बाद में इन मुकदमों की आड़ में यशपाल तोमर समझौते के नाम पर उनसे उनकी सम्पत्ति को हासिल कर लेता था।
एसटीएफ की जांच में 28 मुकदमे मिले ब्लैकमेल के
जांच में यशपाल तोमर के द्वारा 28 मुकदमें ऐसे पाये गये जिनमें इसके द्वारा निर्दोष लोगों को ब्लैकमेल करके दबाव बनाकर उनकी सम्पत्ति को हासिल कर अपने लोगो के नाम करा लेता था। इसने इस दौरान अपने सम्बन्ध बड़े रसुखदार लोगों से भी बना लिये, जिसमें शासन-प्रशासन, पुलिस व सफेदपोश रसूख वाले लोग थे। यशपाल तोमर और उसके साथियों का इतना भय था कि कोई भी व्यक्ति इसके विरूद्ध शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पाता था, जिसने भी थोड़ा हिम्मत जुटायी तो वह यशपाल तोमर के बुने जाल में फंसकर जेल चला गया। जांच के दौरान एसटीएफ की टीम ने पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने का विष्वास दिये जाने पर उनके द्वारा यशपाल तोमर और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमें पंजीकृत कराये गये। इन मुकदमों की विवेचना पुलिस मुख्यालय के आदेष पर जनपद हरिद्वार से स्थानान्तरित होकर एसटीएफ को सुपुर्द हुई। विवेचना से यशपाल तोमर के विरूद्ध अब तक करीब 13 मुकदमें विभिन्न राज्यों में संगीन धाराओं में पंजीकृत होने पाये गये हैं। यशपाल तोमर व उसके गैंग की आपराधिक गतिविधियों और समाज विरोधी क्रियाकलाप को देखते हुये उसके विरूद्ध थाना ज्वालापुर हरिद्वार में एक गैगस्टर एक्ट का मुकदमा एस0टी0एफ0 के संस्तुति पर पंजीकृत किया गया, पर्याप्त साक्ष्य संकलित होने पर एस0टी0एफ0 द्वारा शातिर एवं कुख्यात अपराधी गैगंस्टर यशपाल तोमर को गिरफ्तार कर जिला कारागार हरिद्वार भेजा गया जो वर्तमान में भी कारागार में निरूद्व है।
एसटीएफ ने यशपाल की यह प्रोपर्टी की कुर्क
गैंगस्टर एक्ट की विवेचना के दौरान यशपाल तोमर द्वारा अवैध गतिविधियों से अर्जित की गयी करीब 153 करोड़ की चल व अचल सम्पत्ति की कुर्की / अटेचमेन्ट के आदेश जिला मजिस्ट्रेट, हरिद्वार से प्राप्त कर एस0टी0एफ0 द्वारा उक्त सम्पत्ति को अटेचमेन्ट की कार्यवाही त्वरित गति से की जा रही है, जो निम्नवत्् हैः-
1. ग्राम चिटेहरा, दादरी, जीबीनगर में 10 भू-सम्पत्ति 1.3736 हेक्टयेर अनुमानित कीमत करीब 63 करोड रूपये। ससुर ज्ञान चन्द के नाम से
2. दिल्ली, लोनी गाजियाबाद व गा्रम बरवाला जनपद बागपत में 03 भू-सम्पत्ति, 4188.33 वर्ग गज एवं 130.05 स्क0मीटर करीब 16 करोड रूपये की सम्पत्ति पत्नी श्रीमति अंजना तोमर के नाम से
3. हरिद्वार में करीब 2.455 हेक्टयेर भूमि कीमत करीब 72 करोड रूपये साले अरूण कुमार के नाम से
4. गा्रम रमाला जनपद बागपत में 02 भू-सम्पत्ति करीब 12.477 हेक्टयेर एवं 148.61 वर्ग गज कीमत करीब 98 लाख रूपये भाई नरेष के नाम से
5. गा्रम रमाला जनपद बागपत में 01 भू-सम्पत्ति करीब 472.50 वर्ग गज कीमत करीब 20 लाख रूपये भाई आमबीर के नाम से
वाहनः-
6. चार पहिया वाहन:- र्फाच्यूनर (बुलेट प्रुफ) , इनोवा, विंगर आदि 08 वाहन कीमत करीब 1,25,00,000 (सवा करोड) रूपये जो परिवार के सदस्यो के नाम है।
7. बैंक खाते:- 05 जो स्वॅय यशपाल तोमर व परिवार के सदस्यो के नाम है।
गैंगस्टर यशपाल पर वर्तमान में 13 मुकदमे दर्ज
वर्तमान तक की गई जाॅच से यशपाल तोमर के विरूद्व करीब 13 अभियोग संगीन धाराओं के अन्र्तगत् पंजीकृृत होना पाये गये है जिनमें हाल ही में थाना ब्रहमपुरी जनपद मेरठ में अभियोग पंजीकृृत हुआ है। इसके क्रियाकलापो के सम्बन्ध में यू0पी0 एस0टी0एफ0 की मेरठ यूनिट भी जाॅच कर रही है एवं ग्राम चिटेहरा, दादरी जनपद जीबी0नगर भूमि प्रकरण में ए0डी0एम0, जी0बी0नगर द्वारा जाॅच की जा रही है। यशपाल तोमर द्वारा अर्जित किये गये अवैध धन को वैध धन बनाने के लिये एक आर्यनवीर एग्रो फुड प्रा0लि0 नाम से कम्पनी बनाई गई है जिसमें इसकी पत्नी श्रीमति अन्जना व इसका सफाई कर्मी श्री करमबीर सिंह निदेषक है जिसमें करमबीर बी0पी0एल0 कार्ड धारक है। उक्त कम्पनी के आय-व्यय का कोई लेखा-जोखा नही है। यशपाल तोमर द्वारा अपनी कई चार पहिया कीमती वाहन (कार) की चोरी चले जाने के सम्बन्ध में झूठी रिपोर्ट यू0पी0 व दिल्ली के विभिन्न थानो में लिखा कर इन्श्योरेन्स की धनराशि प्राप्त कर ली गई है एवं उक्त वाहन भी प्रयोग किये जा रहे है अथवा उनको कटवाकर धनराशि प्राप्त कर ली गई है।
मील का पत्थर साबित होगी एसटीएफ की कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,एसटीएफ अजय सिंह के निर्देशन में एसटीएफ की सभी टीमे जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार के सीजर आदेष के क्रम में मुख्य अभियुक्त गैंग लीडर षातिर अपराधी यशपाल तोमर की उपरोक्त सभी सम्पत्तियों की अटेचमेन्ट हेतु उपरोक्त स्थानो पर जाकर कार्यवाही कर रही है। एसटीएफ, उत्तराखण्ड की इस बढी कार्यवाही से आने वाले समय में इस प्रकार के अन्य अपराधियों पर भी निश्चित रूप से अकॅुश लगेगा एवं यह कार्यवाही उत्तराखण्ड पुलिस के लिये ’’मील का पत्थर’’ साबित होगी।