देहरादून। उत्तराखंड के लाखामण्डल से हिमाचल प्रदेश तक “कल के लिए जल उत्सव यात्रा” का शुभारंभ 27 जून को होगा। यह यात्रा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के 20 जनपदों से होते हुए सालभर यानी जून 2023 से जून 2024 तक यात्रा चलेगी।
जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। नदियों और प्राकृतिक जल स्रोत का पानी घट रहा है। दिन प्रति दिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जंगलों में पानी और भोजन की कमी के कारण आए दिन मानव और वन्य जीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस धरती पर पानी का स्रोत सिर्फ आसमान से टपकने वाली वर्षा की बूंदे ही है। वर्षा जल एक अनमोल प्राकृतिक उपहार है जो प्रतिवर्ष पूरी दुनिया को बिना किसी भेद भाव के मिलता आया है। पानी के समुचित प्रबंधन के आभाव में वर्षा जल व्यर्थ में बह जाता है। जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी विगत कई वर्षों से प्रयासरत है। संस्थान के संस्थापक द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उनके द्वारा “कल के लिए जल अभियान” शुरू किया गया, जो एक सफल माडल के रूप में सामने आया है। इस अभियान में लोगो को उनके जन्मदिन, जीवन के विशेष दिन को यादगार बनाने एवं परिजनों की याद में पानी के कच्चे जल कुंड, तालाब बनवाते है। अभियान के तहत अभी तक जनपद उत्तरकाशी, टिहरी एवं देहरादून में 4 हजार जल कुंड, तालाब श्रमदान कर के बने है। इस वर्ष जनपद उत्तरकाशी में जिला प्रशासन के साथ मिल कर “जल उत्सव” कार्यक्रम शुरू किया गया। जल संरक्षण के कार्य से अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल 27 जून 2023 लाखामंडल से “कल के लिए जल उत्सव यात्रा शुरू” कर रहे है। यात्रा लाखामंडल से शुरू होगी। जोनासर, गढ़वाल, कुमाऊ व मैदानी क्षेत्रों के साथ हिमाचल में 5 चरणों में यात्रा होगी। उत्तराखण्ड एवं हिमाचल के 20 जनपदों की यात्रा तय कर यात्रा का समापन जून 2024 को देहरादून में होगा।यात्रा के दौरान 5 लाख जल नायक तैयार किए जाएंगे।