उत्तराखंड में महिला अफसर को विजिलेंस ने 10 हजार की रिश्वतखोरी में किया गिरफ्तार, लाइसेंस बनाने के लिए मांगे 70 हजार
देहरादून। उत्तराखंड विजिलेंस ने भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बाटमाप विभाग की सहायक नियंत्रक को 10 हजार की रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला अफसर पर लाइसेंस बनाने के एवज में 70 हजार की रिश्वत पीड़ित से लेने का आरोपी है। पीड़ित का दावा है कि उसने 50 हजार पहले ही दे दिए थे। बाकी रकम के लिए लगातार उत्पीड़न करने पर इसने आरोपी को विजिलेंस से ट्रैप कराते हुए रिश्वतखोर को सबक सीखा दिया है। इस कार्रवाई से विभाग के हड़कंप मचा है।
विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक विधिक माप विज्ञान विभाग की सहायक नियंत्रक शांति भंडारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। सतर्कता विभाग की टीम ने शिकायतकर्ता से ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए उन्हें किच्छा स्थित कार्यालय से धर दबोचा। शिकायतकर्ता, जो वजन तोलने वाले कांटे-बाट की बिक्री और मरम्मत का कार्य करता है, ने सतर्कता विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि शांति भंडारी ने लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद, लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की थी। सतर्कता अधिष्ठान की जांच में शिकायत सत्य पाई गई। इसके बाद निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरूगेशन के निर्देशन में एक ट्रैप टीम का गठन किया गया, जिसने इस भ्रष्टाचार के मामले का पर्दाफाश किया। शांति भंडारी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है। निदेशक सतर्कता ने इस साहसिक कार्रवाई के लिए ट्रैप टीम को नगद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। सतर्कता विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक रहें और टोल-फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर शिकायत दर्ज कर अपना योगदान दें।