डीएम ने छह माह में स्मार्ट सिटी बजट के सवा दो करोड़ खर्च कर चमकाए दून के दो चौराह

देहरादून। स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर भले ही लोग चर्चाएं कर रहे हो, लेकिन देहरादून के वर्तमान डीएम सबिन बंसल ने छह माह में सिर्फ 2 करोड़ 20 लाख खर्च कर राजधानी के दो अव्यवस्थित चौराहों को न केवल सुरक्षित किया बल्कि सुंदर और पर्यटकों के लिए आकर्षक भी बनवाए। आज कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और गणेश जोशी ने दोनों चौराहों का विधिवत उदघाटन कर जनता को समर्पित कर दिए।
राजधानी देहरादून में जिला प्रशासन की एक और बड़ी पहल पूरी हो गई है। केवल 6 महीने के भीतर शहर के दो प्रमुख चौराहों — कुठालगेट और साई मंदिर तिराहा — का व्यापक चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और आधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन से लैस रूपांतरण पूरा कर इन्हें जनमानस को समर्पित कर दिया गया है। इन दोनों चौराहों को अब पारंपरिक पहाड़ी शैली, आधुनिक राउंडअबाउट, अतिरिक्त स्लिप रोड और कलात्मक स्थापत्य के माध्यम से एक आकर्षक, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप दिया गया है।
कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री एवं स्थानीय विधायक गणेश जोशी तथा राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। यह पूरा कार्य जिला प्रशासन की अवधारणा, डिजाइन और क्रियान्वयन पर आधारित रहा, जबकि वित्त पोषण स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किया गया। इन चौराहों में कुठालगेट पर 135 लाख और साई मंदिर पर 85 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण व संरचनात्मक सुधार कार्य किए गए।दोनों स्थानों पर अब 10 मीटर चौड़ी अतिरिक्त स्लिप रोड, आधुनिक राउंडअबाउट, स्मार्ट लाइटिंग,पहाड़ी शैली के स्थापत्य तत्व,राज्य आंदोलनकारियों, लोक संस्कृति और पौराणिक धरोहर की झलक को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है।चौक चौड़े होकर लगभग दोगुने हो गए हैं, जिससे यातायात सुगमता में बड़ा सुधार महसूस किया जा रहा है।
चौराहे नहीं, संस्कृति और विकास के शो-केस: प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल
लोकार्पण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से दून शहर के चौराहों को केवल चौक नहीं, बल्कि भव्य शो-केस के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा ये जगहें अब केवल यातायात बिंदु नहीं,बल्कि राज्य निर्माण के संघर्ष, लोक परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन प्रमोशन की नई पहचान बन रही हैं।नई स्लिप रोड और राउंडअबाउट से यातायात सुचारू हुआ है, जबकि पहाड़ी शैली की कलाकृतियाँ शहर को सांस्कृतिक पहचान देती हैं।उन्होंने जिला प्रशासन की अवधारणा और क्रियान्वयन की विशेष सराहना की।
केवल विकास नहीं, सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण भी: मंत्री गणेश जोशी
कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कुठालगेट और साई मंदिर का नया स्वरूप प्रदेश की पारंपरिक स्थापत्य शैली और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है। यह परियोजना लोगों की आवाजाही को आसान बनाने के साथ-साथ शहर की सुंदरता और पर्यटन संभावनाओं को भी मजबूती देगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल: 6 महीनों में पूरा किया लक्ष्य
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि दून शहर में सुगम यातायात व्यवस्था के लिए चार प्रमुख चौराहों का चयन किया गया था, जिनमें पहले चरण में कुठालगेट और साई मंदिर का कार्य पूरा कर दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी।दोनों चौराहों को पहाड़ी पारंपरिक शैली में डिजाइन किया गया है।यहां आने वाले पर्यटकों को राज्य की संस्कृति, लोककला, पौराणिक धरोहर और राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों से अवगत कराने की कोशिश की गई है।दिलाराम चौक का उच्च स्तरीय आधुनिकरण भी लगभग पूरा हो चुका है।बंसल ने कहा कि यह पहली बार है जब देहरादून में यातायात प्रबंधन, जनसुरक्षा और लोक संस्कृति को एक साथ शामिल कर चौराहों को जीवंत स्वरूप दिया गया है। बहरहाल देहरादून के इन दोनों चौराहों का नया स्वरूप आने वाले समय में शहर की पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का दावा करता है जहां विकास, संस्कृति और आधुनिक सौंदर्य एक साथ दिखाई देते हैं।
