बद्रीनाथ में उद्धव जी ने माता मूर्ति की कुशलक्षेम पूछने के बाद बताई भगवान बदरीविशाल की कुशलता
देहरादून। श्री बदरीनाथ धाम में रविवार को भाद्रपद बामन द्वादशी तिथि पर माता मूर्ति उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान भगवान बदरीविशाल के प्रतिनिधि श्री उद्धव जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सेना के बैंडबाजों के साथ माता मूर्ति मंदिर पहुंची। जहां उद्धव जी ने माता मूर्ति की कुशलक्षेम पूछी तथा भगवान बद्रीनाथ की कुशलता की जानकारी दी। देवताओं के बीच हुए इस संवाद के गवाह देश विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु बने।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी ) कुछ दिन से माता मूर्ति उत्सव के लिए तैयारियां कर रही थी। दो-तीन दिन लगातार बारिश के बाद रविवार को श्री बदरीनाथ धाम में मौसम साफ रहा तथा धूप खिली रही। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता मूर्ति मंदिर दर्शन को पहुंचे। इसके अलावा मंदिर समिति के अधीनस्थ मंदिर त्रियुगीनारायण ( गुप्तकाशी- रूद्रप्रयाग)में भी बामन द्वादशी महोत्सव शुरू हो गया है। इधर, बदरीनाथ धाम में माता मूर्ति उत्सव के तहत प्रातः बदरीनाथ मंदिर में बाल भोग के बाद पूर्वाह्न 10 बजे गढ़वाल राइफल्स के बैंड, ढोल नगाड़ों की भक्तिमय धुनों एवं जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ भगवान बदरीविशाल के प्रतिनिधि श्री उद्धव जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी माता मूर्ति मंदिर के लिए रवाना हुई।
….और जब उद्धव जी ने पूछी माता मूर्ति की कुशलक्षेम
माता मूर्ति मंदिर पहुंच कर श्री उद्धव जी ने माता मूर्ति की कुशलक्षेम पूछी तथा भगवान बदरीविशाल की कुशलता से माता मूर्ति को अवगत कराया। रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठियों तथा माता मूर्ति के पुजारी सुशील डिमरी द्वारा अभिषेक पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इस अवसर हजारों की संख्या में देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने माता मूर्ति एवं देव डोलियों के दर्शन किये तथा प्रसाद प्राप्त किया। इससे पहले आईटीबीपी कैंप के निकट देश के पहले गांव माणा पंचायत प्रधान पीताम्बर मोल्फा के साथ महिला मंडल माणा की महिलाओं ने श्री उद्धव जी को जौ की हरियाली भेंट की। इस अवसर पर आईटीबीपी तथा असम राइफल्स एवं श्रद्धालुओं की ओर से वृहद भंडारे का आयोजन किया गया था।
बद्रीश पंचायत में लौट आये उद्धव जी
दिन के भोग के बाद अपराह्न तीन बजे श्री उद्धव जी की देव डोली एवं आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी वापस श्री बदरीनाथ धाम आ गयी। श्री उद्धव जी बदरीश पंचायत में विराजमान हो गये तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी मंदिर परिसर में विराजमान हो गयी। इस दौरान प्रातः दस बजे दिन के बाद शायं तीन बजे तक श्री बदरीनाथ मंदिर बंद रहा। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के श्री बदरीनाथ पहुंचते ही शायंकाल तीन बजे बाद पुनः मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खुल गया। आज रविवार शाम को श्री कुबेर जी का श्री बदरीनाथ मंदिर के अंदर सभामंडप में देवस्नान (गारू) भी संपन्न होगा। जिसमें देव पश्वा सहित बामणी गांव श्रद्धालु भी मंदिर पहुंचेंगे।
योग मुद्रा में विराजमान हैं बद्रीविशाल
गौरतलब है कि श्री बदरीनाथ धाम में भगवान बदरीविशाल योग मुद्रा में तपस्यारत है। फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष की तरह भाद्रपद वामन द्वादशी तिथि भगवान बदरीविशाल की ओर से उनके प्रतिनिधि एवं सखा श्री उद्धव जी भगवान बदरीनाथ जी की माता मूर्ति देवी के कुशल क्षेम जानने को माणा स्थिति माता मूर्ति मंदिर जाते है । इससे पहले कल बीते शनिवार शाम को सीमांत गांव माणा से भगवान बदरीविशाल के क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण जी भगवान बदरीनाथ को मातमूर्ति आने का न्यौता देने श्री बदरीनाथ मंदिर पहुंचे थे। इससे पहले बदरीनाथ धाम में नारद उत्सव एवं नंदाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया।
इस मौके पर ये रहे मौजूद
देव डोलियों के साथ बदरीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी, पूर्व रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सहित बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य भास्कर डिमरी,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी रविंद्र भट्ट नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ अमित बंदोलिया,सहित मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी, पुलिस प्रशासन आईटीबीपी के अधिकारी एवं जवान भी माता मूर्ति मंदिर पहुंचें। बदरीनाथ में चतुर्मास कर रहे वकील स्वामी, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,सहित राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बर्त्वाल, विश्वनाथ,अजीत भंडारी संजय थपलियाल, प्रकाश भुजवाण, सत्यैन्द्र चौहान, रघुवीर पुंडीर,कुलानंद पंत,राजेंद्र पुरोहित,हरीश भंडारी विकास सनवाल, हरीश जोशी,सतीश मैखुरी, सहित देव डोलियों पर रैक्वाल थोक से भागवत सिंह पंवार कमदी थोक से राघव पंवार एवं डिमरी समुदाय से अंकित डिमरी, हरीश डिमरी, अमित डिमरी, सुनील डिमरी, अरविंद डिमरी आदि भी मौजूद रहे।