Uttarakhandउत्तराखंडकोर्ट ने सुनाई सजा

हरिद्वार: चेक बाउंस मामले में अभियुक्त को 2 माह की कैद, ₹1.40 लाख का जुर्माना

देहरादून। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं द्वितीय अपर सिविल जज (सी.डी.) हरिद्वार विभा यादव की अदालत ने चेक बाउंस के एक प्रकरण में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को दो माह के साधारण कारावास और ₹1,40,000 (एक लाख चालीस हज़ार रुपये) के अर्थदंड से दंडित किया है।

मामला अभियुक्त राव सलमान पुत्र राव शमशाद, निवासी मोहल्ला चाकलान, निकट रमलीला मैदान, थाना कोतवाली ज्वालापुर, जिला हरिद्वार से जुड़ा हुआ है। अभियुक्त द्वारा जारी किया गया चेक बाउंस होने के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अभियोजन की ओर से अधिवक्ता सुनील शर्मा ने पैरवी की। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पाया कि अभियुक्त भारतीय परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 का दोषी है।

अदालत ने आदेश पारित करते हुए अभियुक्त को दो माह की साधारण कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर कुल ₹1,40,000 का अर्थदंड लगाया गया। इसमें से ₹1,35,000 (एक लाख पैंतीस हज़ार रुपये) की राशि पीड़ित को प्रतिकर के रूप में अदा की जाएगी, जबकि शेष ₹5,000 (पाँच हज़ार रुपये) आरोपी को राजकोष में जमा कराने होंगे। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अभियुक्त द्वारा यह धनराशि निर्धारित समय पर राजकोष में जमा नहीं की जाती है तो उसे 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

आदेश में कहा गया कि अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को सजा से समायोजित किया जाएगा। न्यायालय ने इस मामले को उदाहरण बताते हुए कहा कि आर्थिक अपराधों में कठोर कार्रवाई जरूरी है ताकि समाज में सही संदेश जाए।

27 सितम्बर 2025 को सुनाए गए इस आदेश ने यह संदेश दिया है कि न्यायालय चेक बाउंस जैसे मामलों को गंभीरता से लेता है। यह फैसला न केवल पीड़ित पक्ष के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो चेक के माध्यम से लेन-देन कर जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतते हैं।

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