हरिद्वार में चेक बाउंस मामले में आरोपी को 1 वर्ष का कठोर कारावास, ₹9.10 लाख अर्थदंड

देहरादून। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश श्रीवास्तव की अदालत ने चेक बाउंस के एक महत्वपूर्ण मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी नरेंद्र यादव निवासी गाजियाबाद को एक वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल ₹9,10,000 (नौ लाख दस हजार रुपये) के अर्थदंड से दंडित किया है।
मामले के अनुसार, आरोपी द्वारा जारी किए गए ₹3-3 लाख के तीन चेक बाउंस हो गए थे, जिसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। लम्बे समय तक न्याय न मिलने पर पीड़ित ने वर्ष 2025 के जनवरी माह में अधिवक्ता सुनील कुमार शर्मा से संपर्क किया और उन्हें अपने मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया। अधिवक्ता के प्रभावी तर्कों और मजबूत पक्ष प्रस्तुत करने के बाद आरोपी को पराक्रम्य साधन अधिनियम की धारा 138 के तहत दोषी करार दिया गया।
अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि आरोपी द्वारा लगाए गए अर्थदंड में से ₹9,00,000 (नौ लाख रुपये) पीड़ित को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे, जबकि शेष ₹10,000 (दस हजार रुपये) राजकोष में जमा कराने होंगे। साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय पर राशि जमा नहीं की गई तो आरोपी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
पीड़ित प्रेमचंद सैनी ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि आर्थिक अपराधों में कठोर दंड समाज में सही संदेश देते हैं और लोगों को वित्तीय लेन-देन में ईमानदारी बरतने के लिए प्रेरित करते हैं।10 दिसंबर 2025 को सुनाया गया यह फैसला चेक बाउंस मामलों में न्यायालय की कठोरता और संवेदनशीलता को दर्शाता है और ऐसे सभी मामलों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर माना जा रहा है।
