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उत्तराखंड में क्यों निकल रही न्याय के देवता “गोल्ज्यू” की संदेश यात्रा, सरकार को सौंपेंगे यह रिपोर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में आराध्य न्याय के देवता गोलज्यू की संदेश यात्रा मंगलवार को पिथौरागढ़ पहुंची। यहां रामलीला मैदान में भव्य कलश यात्रा के साथ गोलज्यू रथ का स्वागत हुआ। इस दौरान उपस्थित लोगों ने गोलज्यू रथ का दर्शन कर सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। आज यात्रा पिथौरागढ़ में रहेगी और कल सुबह कोटगाड़ी मंदिर को रवाना होगी। इसके बाद यात्रा पूरे 10 दिन तक 22 सौ किमी तक पूरे राज्य में पहुंचेगी और आशीर्वाद देगी।

उत्तराखंड में नन्दा राजजात यात्रा की तर्ज पर पहलीबार न्याय के देवता गोलज्यू महाराज की संदेश यात्रा का आयोजन हो रहा है। इसका बीड़ा अपनी धरोहर संस्था के द्वारा उठाया जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य उन 22 पौराणिक महत्व के स्थलों की जानकारी आमजनों और खासकर नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। यात्रा के दौरान आमजनों से राज्य गठन के बाद बदली परिस्थितियों पर भी मंथन किया जा रहा है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर केंद्र और राज्य सरकार को सौंपने की तैयारी है। संदेश यात्रा के संयोजक उत्तराखंड पुलिस के रिटायर्ड आईजी और वर्तमान में एसटी आयोग के उपाध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने बताया कि सोमवार को भगवान शिव के धाम बोन गांव से ध्वज पूजन के साथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि यात्रा करीब 10 दिन में पूरे राज्य में 2200 किमी तक होगी। इस दौरान लोगों को संदेश यात्रा के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इधर, पिथौरागढ़ के सोरगढ़ (रामलीला) मैदान में पहुंची यात्रा का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया। इस दौरान भव्य कलश यात्रा निकालकर भगवान गोलज्यू के जयजयकारे लगाए। बाद में रामलीला मैदान में रथ यात्रा में विराजमान भगवान गोलज्यू महाराज की पूजा-अर्चना कर लोगों ने आशीर्वाद लिया। इस दौरान गोलज्यू चौपाल, भजन कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस मौके पर यात्रा के संयोजक मंडल सदस्य ललित पंत, आयोजन समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह माहरा, अशोक कुमार, जगदीश कलौनी, दीवान सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।

इनकी जानकारी जुटाएंगे

गोलज्यू संदेश यात्रा के दौरान राज्य के शिल्पकार, मूर्तिकार, लोहार, जगरिये, डंगरिये, लोक गायक, लोक नर्तक, वाद्य यंत्रो को बनाने वाले, बजाने वालों आदि की जानकारी जुटाई जाएगी।

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