गंगोत्री-गोमुख क्षेत्र में ताजी बर्फ से ग्लेशियरों को मिली संजीवनी, देखिए ताजी तस्वीरें
देहरादून। उत्तराखंड में मई माह में सुहाना मौसम ग्लेशियरों के लिए वरादान साबित हो रहा है। खासकर हिमालय क्षेत्र में ताजी बर्फबारी ग्लेशियरों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। हाल ही में गोमुख क्षेत्र से ट्रेकिंग कर लौटे पर्यटन व्यवसायी महेश सिंह रावत ने बताया कि ताजी बर्फबारी अभी भी गोमुख और गंगोत्री ग्लेशियर के ऊपर दिख रही है। जबकि तपोवन क्षेत्र में अभी भी एक फीट तक बर्फ जमा है। इससे इस बार ग्लेशियर पिघलने की रफ्तार थम रखी है। यह स्थिति जून तक भी रही तो ग्लेशियरों के साथ हिमालय के पर्यावरण के लिए अच्छे संकेत हैं। देखिए गोमुख क्षेत्र से गत दिवस लौटे पर्यटन व्यवसायी और गाइड महेश रावत ने इन तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया है।
ग्लेशियर न पिघलने से बिजली संकट
गंगोत्री, गोमुख ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार कम होने से नदी का जलप्रवाह कम है। ऊपरी इलाकों में बर्फ जमा है। ऐसे में ग्लेशियर नहीं पिघल रहे हैं। इसका सीधा असर जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली संकट बना हुआ है।खासकर मनेरी भाली प्रथम, द्वितीय चरण समेत टिहरी बांध पर भी नदी के कम डिस्चार्ज स्व बिजली संकट बना हुआ है।