रैथल–दयारा बुग्याल ट्रेक को लेकर बढ़ा उत्साह, उमड़ रही ट्रेकर्स की भीड़

देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन और ट्रेकिंग स्थल रैथल–दयारा बुग्याल में इन दिनों ट्रेकिंग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमी दयारा बुग्याल पहुंच रहे हैं, जिससे ट्रेक का मुख्य आधार गांव रैथल भी पर्यटकों से गुलजार हो उठा है।

रैथल से शुरू होने वाला दयारा बुग्याल ट्रेक आसान से मध्यम श्रेणी का माना जाता है। यही वजह है कि यह ट्रेक पहली बार ट्रेकिंग करने वालों के साथ-साथ अनुभवी ट्रेकर्स के बीच भी लोकप्रिय बना हुआ है। बर्फ से आच्छादित हिमालयी चोटियां, विस्तृत हरे-भरे बुग्याल, देवदार और ओक के घने जंगल ट्रेक को खास बनाते हैं। हर मौसम में बदलते प्राकृतिक नज़ारे ट्रेकर्स को आकर्षित कर रहे हैं।
ट्रेक के प्रति बढ़ते रुझान के चलते स्थानीय होमस्टे, विशेषकर रैथल गांव के पारंपरिक होमस्टे, पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं। यहां ठहरने वाले ट्रेकर्स को स्थानीय खानपान, संस्कृति और पहाड़ी जीवनशैली से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है। इसके साथ ही स्थानीय युवाओं को गाइडिंग, होमस्टे संचालन, पोर्टर और अन्य पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। रैथल में पौराणिक होम स्टे का संचालन कर रहे पृथ्वी सिंह बताते हैं कि ट्रेकर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय लोग और ट्रेक ऑपरेटर्स पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंता जता रहे हैं। उन्होंने पर्यटकों से कचरा प्रबंधन, ट्रेकिंग नियमों के पालन और बुग्यालों की स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है, ताकि इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके। दयारा बुग्याल अब केवल एक ट्रेकिंग गंतव्य नहीं, बल्कि उत्तराखंड में सतत पर्यटन और स्थानीय आजीविका का सशक्त उदाहरण बनकर उभर रहा है।

