उत्तराखंड में “पर्यटन” को पंख लगाने को धीराज को सौंपी “विराट” जिम्मेदारी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पर्यटन को संवारने की जिम्मेदारी 2009 बैच के सीनियर आईएएस अफसर धीराज सिंह को सौंपी है। धीराज ने बतौर डीएम पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार में अपनी प्रतिभा से जो नजीर पेश की है, वह राज्य के पर्यटन में देखने को मिलेगी। खासकर सरकार की पर्यटन से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं को धीराज के कार्यकाल में पंख लगेंगे, इसकी उम्मीदें लगाई जा रही है।
सरकार ने राज्य के पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी आईएएस सचिन कुर्वे से हटाकर उत्तराखंड में सांस्कृतिक, सामाजिक और पौराणिक गतिविधियों से वाकिफ आईएएस धीराज गबर्याल को सौंपी है। प्रशासनिक दक्षता, पहाड़ों की समझ और जमीनी अनुभव के चलते उन्हें यह अहम दायित्व सौंपा गया है। उनकी नियुक्ति को लेकर शासन-प्रशासन में सकारात्मक चर्चा है और सुबह से ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।धीराज सिंह ने अपने कार्यकाल में नैनीताल और पौड़ी जैसे संवेदनशील जिलों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। विशेष रूप से जी-20 आयोजनों के दौरान उनके समन्वय और प्रबंधन की प्रशंसा तत्कालीन मुख्य सचिव और सख्त माने जाने वाले अफसर एस.एस. संधू भी कर चुके हैं। उनकी कार्यशैली में सहजता, व्यवहार कुशलता और नीति क्रियान्वयन की स्पष्टता साफ झलकती है।
उत्तराखंड में होम स्टे योजना को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी धीराज सिंह को जाता है। उन्होंने न केवल इस योजना की रूपरेखा तैयार की, बल्कि पहाड़ के युवाओं को इससे जोड़ते हुए स्थानीय पर्यटन को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए पॉली हाउस खेती का भी सफल मॉडल पेश किया, जिससे पर्वतीय किसानों को सीधा लाभ हुआ।हरिद्वार में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को गति दी, जिन पर आगे काम जारी है। पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि वे उत्तराखंड के पर्यटन को नए आयाम देंगे।
राज्य में पर्यटन को लेकर नए विजन और पहाड़ी जनजीवन की गहरी समझ के साथ धीराज सिंह की भूमिका अहम मानी जा रही है। अब देखना होगा कि वे इस क्षेत्र में किन नई योजनाओं और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते हैं। माना जा रहा है कि जल्द है वो पर्यटन विभाग की जल्द समीक्षा कर चारधाम यात्रा पयर्टन सीजन में अभी तक के कामकाज और क्या नवाचार किया जाए इस पर अगली रणनीति बना सकते है।