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उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध पर जताई चिंता, भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

शहीद स्मारक पर समाजिक संगठनों और आंदोलनकारियों की बैठक मे हुआ निर्णय सोमवार को विधानसभा के समक्ष विशाल धरना प्रस्तावित। राज्य के राज्यपाल को ज्ञापन देने का निर्णय। अंकिता भंडारी को दो मिनट का मौन रखकर दी गईं श्रद्धांजलि।

देहरादून। आज शहीद स्मारक पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की अंकिता कांड को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक मे निर्णय लिया गया कि सोमवार को सभी संगठन विधानसभा के समक्ष विशाल धरना आयोजित करेंगे व धरना उपरांत राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।

शहीद स्थल में आयोजित हुई बैठक मे चुनाव सुधारों के लिए राष्ट्रीयकृत संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रेफॉर्म्स, उत्तराखंड इलेक्शन वॉच, अन्ना हजारे नीत राष्ट्रीय लोक आंदोलन न्यास, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान, संयुक्त नागरिक संगठन, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन, समानता मंच, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड रक्षा महिला मोर्चा, भू कानून सुधार आंदोलन समिति आदि विभिन्न संगठनों ने अपनी भागीदारी की। बैठक मे वक्ताओं ने उत्तराखंड के भीतर बिगडती कानून व्यवस्था, बढ़ते हुए अपराध का विस्तार, राज्याधीन नौकरियों मे भृष्टाचार का बोलबाला इत्यादि पर अपनी तीखी प्रतिक्रियायें दी। सभा मे उत्तराखंड राज्य मे पनप रहे व्याप्त भृष्टाचार एवं व्याभिचार पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए इस पर निर्णायक आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया गया। अंकिता हत्याकांड पर सभा मे कहा गया कि अब सिर के ऊपर से पानी बहने लगा है। उत्तराखंड की जनता ने बड़े संघर्ष से यह राज्य इसलिए नहीं निर्मित किया था कि लूट खसोट खुले आम हो जाएं और बहिन बेटियां असुरक्षित हो जाएं। उत्तराखंड के पहाड़ों की उपेक्षा का दंश झेल रही जनता अब और मौन धारित नहीं रह सकती है। बैठक मे आये दिन हत्याओं, आत्महत्याओं की घटनाओं के लिए व्यवस्था के भीतर व्याप्त भृष्टाचार को दोषी ठहराया गया। बैठक मे मांग की गईं कि सरकार अविलम्ब सभी निक्क्मे और भृष्ट लोगों पर सख्ती के साथ कार्रवाई करना जारी रखे। सरकार तत्काल ऐसे कदम उठाये जिससे उत्तराखंड मे बाहरी संस्कृति का कुप्रभाव थम जाए।

अंकिता के हत्यारे को फांसी दी जाए

बैठक मे यह भी मांग उठी कि अंकिता भंडारी के परिजनों को सरकार समुचित मुआवजा प्रदान करते हुए अंतरिम राहत प्रदान करे। बैठक मे दोषियों को त्वरित फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से फांसी दिए जाने की मांग की गईं। बैठक मे निर्णय लिया गया कि सरकार से यह जवाब माँगा जाएं कि घर से बाहर नौकरी के लिए जाने वाली बेटियों की सुरक्षा हेतु क्या कदम और उपाय सरकार कर रही है। बैठक मे तय किया गया कि सोमवार को सभी संगठन विधानसभा के बाहर धरना देकर जनआक्रोश व्यक्त करेंगे और राज्य के राज्यपाल को ज्ञापन देकर कारगर कार्रवाई व उपाय की मांग उठाएंगे।

बैठक में इन लोगों ने लिया भाग

आज की बैठक की अध्यक्षता पूर्ण बैंकिंग कर्मचारी संगठन के नेता चंदन सिंह नेगी व संचालन वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी “सैनिक शिरोमणि” मनोज ध्यानी ने की। बैठक के अंत मे अंकिता भंडारी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गईं। आज की बैठक उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संगठन (पंजी0), राष्ट्रीय लोक आंदोलन न्यास, गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान एवं संयुक्त नागरिक संगठन के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित किया गया। बैठक मे उपस्थित एवं उद्बोधन देने वालों मे  चंदन सिंह नेगी,”सैनिक शिरोमणि” मनोज ध्यानी, भोपाल सिंह चौधरी, लक्ष्मीप्रसाद थपलियाल,  बॉबी पँवार, मनोज बिजलवाण, आशा टमटा, आशा नौटियाल, त्रिलोक सिंह नेगी,  रामपाल सिँह,  दिनेश भंडारी, चौधरी ओमवीर सिंह, कुसुम नेगी, अनीता रावत,  प्रभात डंडरियाल, सुनील जुयाल, मुरार कण्डारी, श्रीधर नैथानी,  पद्म प्रकाश उपाध्याय, शशांक गुप्ता,  कमला गैरोला, कुलदीप नौडियाल, उर्मिला पंत, रश्मि नेगी, संजीव प्रकाश घिल्डियाल, सुभागा प्रसाद,  रौशनी देवी पोखरियाल,  सुशील कैथुरा, कल्पेशवरी नेगी, चौधरी कलपेश्वर प्रताप सिँह आदि बडी संख्या में समाज सेवी एवं आंदोलनकारी उपस्थित थे।

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