कॉपरेटिव बैंक भर्ती घोटाला: हाई कोर्ट ने पूछा, क्या मामले की सीबीआई जांच की जरूरत है?
देहरादून। उत्तराखंड में कॉपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक न होने तथा दोषियों पर कार्रवाई न होने के मामले को हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट में पेश हुए सचिव कॉरपोरेट बीवीआरसी पुरुषोत्तम को कोर्ट ने कहा कि क्या मामले की सीबीआई जांच की जरूरत है?, हालांकि सचिव ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है। अब मामले में सरकार को निर्णय लेना है। कोर्ट में इस मामले के आने के बाद भर्ती घोटालेबाजों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
उत्तराखंड में कॉपरेटिव बैंक में नेताओं, अफसरों और सिफारिश लोगों को नौकरी देने का मामला पिछले एक साल से छाया हुआ है। विभागीय स्तर पर मामले को दबाने का काफी प्रयास हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यभार ग्रहण करते ही 2 अप्रैल 2022 को पारदर्शी सरकार के स्पष्ट संदेश के साथ भर्ती घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। इसके लिए उप निबंधक नीरज बेलवाल और मान सिंह सैनी को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। जांच अधिकारियों ने विस्तृत जांच कर रिपोर्ट जून में विभाग को सौंपी गई। लेकिन अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में हरिद्वार निवासी व्यक्ति ने हाइकोर्ट में पीआईएल दायर की थी। इस पर गत दिवस हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक न करने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि क्या मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है?….इस पर सचिव ने कहा कि जून में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई थी। अब सरकार के स्तर पर निर्णय होना है। हाइकोर्ट की मामले में तल्ख टिप्पणी के बाद उम्मीद है कि मामले में घोटालेबाजों पर कार्रवाई हो सकती है। बहरहाल कॉपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई हुई तो मामले में संलिप्त कुछ सफेदपोश और अफसरों पर भी कार्रवाई की आंच आनी तय है।
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