उत्तराखंड में ट्रांसफर पॉलिसी का मजाक उड़ा रहा एचआरडीए का विवादित इंजीनियर, मंत्री के कड़े फरमान के बाद भी राजधानी का मोह
देहरादून। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के क्षेत्रों में अवैध निर्माण की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यहां प्राधिकरण के जिस अभियंता पर तमाम आरोप लगे हैं, वह नैनीताल में ट्रांसफर होने के बावजूद राजधानी स्थिति ‘उडा’ (उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण) में सेटिंग लगाकर पोस्टिंग पाने की फिराक में है। यह स्थिति तब है जब खुद विभागीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और सरकार विवादित अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कड़े निर्देश जारी कर चुके हैं। बहरहाल स्थानांतरण के बाद मेडिकल लीव पर गए एचआरडीए के इस विवादित सहायक अभियंता को कौंन और किसके माध्यम से ‘उडा’ में लाया जा रहा है, इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण को लेकर प्राधिकरण के अभियंताओं पर भी आरोप लगते रहे हैं। इस कड़ी में अब एक चर्चित नाम जुड़ा है सहायक अभियंता पंकज पाठक का। स्थिति यह है कि सहायक अभियंता पंकज पाठक की कार्यशैली से खिन्न कनखल नगर व्यापार मंडल के पदाधिकारी उनका पतला तक फूंककर विरोध जता चुके हैं। अन्य तमाम लोग उन पर आरोप लगा चुके हैं। जिसके चलते कुछ समय पहले उनका स्थानांतरण नैनीताल किया गया था, लेकिन सहायक अभियंता पाठक ने वहां जाना गवारा नहीं समझा है। पंकज पाठक ने लंबे समय तक नैनीताल में तैनाती नहीं दी। जब वह ज्वाइन करने गए भी तो उसके बाद मेडिकल लीव पर चले गए। अब यह बात सामने आ रही है कि उन्हें उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) देहरादून में तैनात किए जाने की तैयारी चल रही है। यदि ऐसा होता है तो इससे विकास प्राधिकरणों में सुशासन की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा को झटका लगेगा। क्योंकि, स्थानांतरण के बाद नए स्थल पर तैनाती न देना और प्रदेश के विकास प्राधिकरणों की नियंत्रण एजेंसी यानि उडा में नया ठौर तलाश करना मनमानी को बढ़ावा देगा।इधर, इस मामले में इंजीनियर पाठक का पक्ष जानने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इस मामले में जब भी उनका पक्ष मिलेगा, उचित स्थान पर प्रकाशित किया जाएगा।
इंजीनियर पाठक पर लगे ये गंभीर आरोप
बिना लेआउट की प्लाटिंग में नक्शा कैसे किया पास
पंकज पाठक पर आरोप है कि उन्होंने नूरपुर पंजन हेडी में डॉ अरविंद के नाम से अवैध प्लाटिंग के प्रति आंखें मूंदे रखी। जिसके चलते यहां अवैध रूप से कालोनी का विकास होता चला गया। साथ ही आरोप है कि यहां गलत तरीके से शैलेंद्र त्रिपाठी का नक्शा भी पास कर दिया। इन्हीं तमाम कारणों से सहायक अभियंता पर अवैध रूप कॉलोनाइजर को लाभ पहुंचाने के आरोप भी लगते रहे हैं। इस तरह की प्रवृत्ति से राजस्व की हानि होती है और अवैध निर्माण को भी बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा एक बात यह भी सामने आई है कि सहारा इंडिया के नाम से एक प्लाटेड डेवलपमेंट किया गया था और इसमें विभिन्न निवेशकों ने पैसा भी लगाया था। आरोप है कि परियोजना में तमाम निवेशकों के हितों की अनदेखी कर प्लाट अन्य को बेच दिए गए और प्रकरण संज्ञान में आने के बाद भी सहायक अभियंता पंकज पाठक व अन्य उच्चाधिकारियों ने इसका मानचित्र पास कर दिया।
मदरहुड कॉलेज का नोटिस डिलीट का भी आरोप
प्राधिकरण के सहायक अभियंता पंकज पाठक पर आरोपों की लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है। आरोप है कि एचआरडीए ने मदरहुड कालेज का नोटिस काटा था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। बताया जा रहा है कि कालेज को लाभ पहुंचाने के लिए वह नोटिस कंप्यूटर से डिलीट करवा दिया गया।
आवास मंत्री प्रेमचंद के निर्देश दरकिनार
प्राधिकरण अभियंताओं के स्थानांतरण के बाद भी पहाड़ न चढ़ने की प्रवृत्ति पर आवास एवं शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने खासी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने दो टूक कहा था कि इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही कहा था कि प्रदेश के तमाम जिला विकास प्राधिकरणों में कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में स्थानांतरण होने पर अभियंताओं को नई तैनाती पर जाना पड़ेगा। हालांकि, इसके बाद भी अभियंताओं की मनमर्जी जारी रही और विभागीय मंत्री के निर्देश को अधिकारी पचा गए।