
देहरादून। “आवा दिदी भूली सैल्कू थोलू मां जउल्या गीत कौथिक मां झुमेलो लगोला” गीत पर सेलकू मेले में ग्रामीण देव डोलियों के साथ जमकर थिरके। इस दौरान सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना क्षेत्र के ईष्ट देव से की गई।
आज रैथल गाँव में 25 गंते भाद्रपद को मां जगदम्बा प्रागण में धुमधाम से मनाया समेश्वर सेल्कू मेला जो अन्य गावों से हटकर मनाया जाता है। पांचगांव रैथल में यहाँ ग्रामिणों के द्वारा जो पुष्प लाये जाते है। इन्हें हमारे बुजुर्ग बताते हैं की यह जो पुष्प है ये देवताओं के होते है। और इन्हें लाने के लिए भगवान समेश्वर देवता के द्वारा जो ग्रामिण चुनें जाते है। वही लोग इन पुष्पों को लगभग 13000 की ऊचाई वाले स्थानों से चुनकर लाते और यहाँ के पंचों एवं पुजारियों के द्वारा मन्दिर के चौक में सजाया जाता है।
इन पुष्पों का पुजन होने के बाद भगवान समेश्वर देवता इन फुलों के ऊपर जाते है। फिर यही पुष्प आशीर्वाद के रूप में आये ग्रामिणों एवं अतिथियों को दिये जाते है।इसके बाद मेले में आये ग्रामिण रासों नृत्य एवं देव डोली नृत्य में झुम उठते है। इन मेलों के बाद अब ग्रामिण खेती बाडी में वस्त हो जाते है। इसलिए इन मेलों का महत्व बड जाता है। इस दौरान मालगुजार रैथल गजेंद्र राणा, नटीन बचन रावत, बन्द्राणी सुन्दर भण्डारी, ग्राम प्रधान रैथल शुशीला राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य रैथल अकिता राणा, ग्राम प्रधान क्यार्क सुनीता, ग्राम प्रधान नटीन महेंद्र पोखरियाल, पूर्व प्रधान रैथल मनोज राणा, पूर्व क्षेत्र पं०रैथल राजकेन्द्र थनवाण, विपीन राणा, जगेन्द्र थनवाण, मनवीर रावत, सोबत राणा, रामचन्द्र पंवार आदि पांचगाव के ग्रामीण मौजूद रहे ।