देहरादून। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के ट्रेनिंग कैम्प द्रोपदी के डांडा में बर्फ में दबे दो प्रशिक्षकों और 24 प्रशिक्षुओं के शव बरामद हो गए हैं। कुछ शव सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पहले हर्षिल और फिर सड़क मार्ग से उत्तरकाशी लाये गए। शव उत्तरकाशी पहुंचते ही अपने लाडलों के जिंदा लौटने की राह देख रहे परिजन बिलख उठे। इससे हर कोई अपने आंसू नहीं रोक पाए। एनआईएम ने भी दोपहर बाद प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 26 शव अब तक के रेस्क्यू में बरामद कर लिए हैं। मौसम साफ होते ही हेलीकॉप्टर से शवों को उत्तरकाशी लाया जाएगा।
एनआईएम के एडवांस कोर्स करने गए प्रशिक्षक और प्रशिक्षु द्रोपदी के डांडा में समिट कैम्प से पहले विशाल एवलांच(बर्फ की शिला) की चपेट में आने से दब गए थे। सभी रोप यानी रस्सी के सहारे चोंटी पर आरोहण कर रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही सरकार ने सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ आदि को रेस्क्यू की जिम्मेदारी सौंप दी थी। स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू कार्य देखने उत्तरकाशी गए थे। इस बीच खराब मौसम के बावजूद रेस्क्यू टीम के साथ एनआईएम के प्रशिक्षकों, पोर्टर और गाइड विपरीत मौसम के बाद भी दिनरात लापता लोगों की तलाश में जुटे रहे। एनआईएम से मिली जानकारी के अनुसार 4 अक्टूबर को 4, पांच को मौसम खराब और 6 को 15 शव और आज अभी तक 7 शव बरामद कर लिए हैं। अब तीन लापता प्रशिक्षु के शव की तलाश की जा रही है। एनआईएम के अनुसार अभी भी सेना, पैरामिलिट्री, एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। उम्मीद की जा रही कि तीन प्रशिक्षु के शव भी जल्द मिल जाएंगे।
रेस्क्यू टीम में ये शामिल
एनआईएम के लापता प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं की तलाश को एनआईएम के 42, आईटीबीपी के 12, आर्मी (हॉज) के 14, सेना के 12 और एसडीआरएफ के 8 जवान शामिल हैं।