बड़ी खबर….खनन निदेशक एसएल पैट्रिक लेनदेन के गंभीर आरोपों के चलते सस्पेंड, पढ़िए पूरा आदेश
देहरादून। शासन ने लम्बे समय से चर्चाओं में चल रहे खनन निदेशक एसएल पैट्रिक को गंभीर आरोपों के चलते सस्पेंड कर दिया है। पैट्रिक राज्य में तैनाती के दौरान से चर्चाओं में चल रहे हैं। हाल ही में एक खनन कारोबारी के साथ मीटिंग और बंधक बनाए जाने जैसी खबरों से वह फिर चर्चा में आये। इस प्रकरण को शासन ने गंभीरता से लिया और आज पैट्रिक के खिलाफ सस्पेंड की कार्रवाई अमल में लाई गई। इस खबर से पैट्रिक के करीबियों में हड़कंप मचा है। पढ़िए शासन द्वारा जारी एसएल पैट्रिक के सस्पेंड ऑर्डर को……..
श्री एस०एल० पैट्रिक निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून, जिनके विरुद्ध निम्नलिखित आरोपों के सम्बन्ध में अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित (Contemplated) है, को एतद्वारा तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है:-
(i) भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत श्री एस०एल० पैट्रिक पर एक निजी व्यक्ति (श्री ओम प्रकाश तिवारी) द्वारा शासकीय कार्य हेतु लेन-देन व प्रलोभन के गंभीर आरोप लगाये गये हैं, जिनका श्री पैट्रिक द्वारा चैट के माध्यम से प्रतिउत्तर में किसी प्रकार का कोई खंडन अथवा विरोध किया जाना परिलक्षित नहीं हुआ है। व्हाट्सप चैट से श्री पैट्रिक की एक निजी व्यक्ति से मिली भगत, शासकीय गोपनीयता भंग करने तथा पद का अनावश्यक दुरूपयोग किया जाना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है, जबकि श्री एस०एल०पैट्रिक, जो विभाग के निदेशक के रूप में अपर विभागाध्यक्ष के पदीय कर्तव्यों का निर्वहन कर रहें हैं, से शासन / सरकार की यह अपेक्षा रहती है कि उन्हें सौंपे गये कार्य दायित्वों का वह गोपनीयता व सत्यनिष्ठा के साथ सम्यक निर्वहन करेंगे और किसी भी स्थिति में अपने अधिकारों व दायित्वों का दुरूपयोग नहीं करेंगे। श्री पैट्रिक से यह भी अपेक्षा थी कि विभाग की नीति/नियमों के विपरीत जाकर किसी निजी व्यक्ति से व्यक्तिगत भेंटवार्ता करने, उसके निजी स्थान पर निदेशक के रूप में जाकर उसे लाभ दिये जाने की नियत से बात करने, किसी निजी व्यक्ति के साथ सरकारी तंत्र को लेकर दुरभि-संधि करने, सांठ-गांठ करने, अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर अनुचित लाभ (प्रलोभन एवं लेन-देन करने) पहुचाये जाने का कृत्य उनके द्वारा नहीं किया जायेगा, परन्तु पदीय कर्तव्यों-दायित्वों के विपरीत जाकर उक्तानुसार किया गया कृत्य अत्यंत गंभीर प्रकृति का होने के साथ-साथ विभाग व सरकार की छवि धूमिल करने की श्रेणी का है।
(ii) भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय स्तर पर ई-निविदा सह ई-नीलामी एंव अन्य महत्वपूर्ण प्रकृति के आम जनमानस से जुड़े कतिपय प्रकरणों में विभागीय निदेशक श्री एस०एल० पैट्रिक की लचर कार्य प्रणाली, उदासीन रवैया एवं सरकारी कार्यों को ससमय निष्पादित न किये जाने की प्रवृत्ति के कारण ऐसे प्रकरणों में निर्गत किये जाने वाले आशय पत्रों से सम्बन्धित पत्रावलियां काफी समय से निदेशालय स्तर पर ही अनावश्यक रूप से लम्बित हैं, जिसके फलस्वरूप स्वीकृत होने वाले खनन पट्टों की स्वीकृति में विलम्ब होने से अपेक्षित राजस्व प्राप्ति किया जाना सम्भव नहीं हो पाया है। राजस्व प्राप्ति को बढ़ाये जाने के स्थान पर श्री पैट्रिक द्वारा अपर विभागाध्यक्ष के रूप में दिये गये दायित्वों का निर्वहन सही प्रकार से न किये जाने का गंभीर कृत्य परिलक्षित हुआ है।
(iii) श्री एस०एल० पैट्रिक द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों एवं अधिकारों का दुरूपयोग कर विभागीय शासकीय वाहनों को अपने निजी कार्यों को संपादित करने व पारिवारिक सदस्यों के उपयोग हेतु प्रयुक्त किये जाने के गंभीर कृत्य परिलक्षित हुये हैं। इसके अतिरिक्त निदेशालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (सरकारी व आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त) को भी श्री पैट्रिक द्वारा अपने घरेलू कार्यों में लगाये जाने के तथ्य प्रकाश में आयें हैं, जो शासकीय कृत्यों व पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आते हैं।
(iii) श्री एस०एल० पैट्रिक द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों एवं अधिकारों का दुरूपयोग कर विभागीय शासकीय वाहनों को अपने निजी कार्यों को संपादित करने व पारिवारिक सदस्यों के उपयोग हेतु प्रयुक्त किये जाने के गंभीर कृत्य परिलक्षित हुये हैं। इसके अतिरिक्त निदेशालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (सरकारी व आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त) को भी श्री पैट्रिक द्वारा अपने घरेलू कार्यों में लगाये जाने के तथ्य प्रकाश में आयें हैं, जो शासकीय कृत्यों व पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आते हैं।
2. उपरोक्त गंभीर आरोपों के सिद्ध होने की स्थिति में श्री पैट्रिक के विरुद्धउत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 समय-समय पर यथासंशोधित के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत दीर्घ शास्ति प्रदान की जा सकती है।
3. निलम्बन की अवधि में श्री एस०एल०पैट्रिक सम्प्रति निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून को वित्तीय संग्रह खण्ड-2, भाग 2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हे निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
4. उपर्युक्त प्रस्तर 2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा, जब श्री एस०एल० पैट्रिक इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं।
5. निलम्बन की अवधि में श्री एस०एल० पैट्रिक सम्प्रति निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून को सचिव खनन, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे