देहरादून। यमुनोत्री हाईवे में निर्माणाधीन सुरंग का मलबा गिरने से 40 लोगों का जीवन करीब 55 घण्टे से ज्यादा समय से सांसत में है। हालांकि इस बीच राहतभरी खबर भी सामने आई है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने वाकी टॉक पर झारखंडी और बिहारी बोली में बातचीत कर हौसला अफजाई किया। कहा कि जल्द सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहा है। देखिए पूरा वीडियो………
उत्तरकाशी के सिलक्यारा बैंड के पास सुरंग में मलबा गिरने से फंसे 40 लोगों को निकालने का रेस्कयू 55 घण्टे से जारी है। गत दिवस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े निर्देश दिए जाने के बाद रेस्क्यू कार्य तेज हुआ है। नतीजन आज मौके पर मशीनें, ह्यूम पाइप समेत अन्य विशेषज्ञों की टीम पहुंच गई है। इनसे सुरंग के फंसे लोगों को निकालने का कार्य ने तेजी पकड़ ली है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू कार्य की कमान संभाल ली है। वह पल पल ऑपरेशन पर नजर रखे हुए हैं। आज सबसे बड़ी राहत वाली खबर यह है कि एसडीआरएफ कमांडेंट ने सुरंग में फंसे मजदूरों से झारखंडी और बिहारी बोली में बातचीत कर ऑपरेशन की जानकारी दी है। साथ ही मजदूरों से कहा कि किसी भी चीज की जरूरत होगी तो वायरलेस करें। उल्लेखनीय है कि सुरंग में फंसे लोगों को पाइप से खाने पीने के सामान की आपूर्ति की जा रही है।
कंपनी की लापरवाही भी होने लगी उजागर
सुरंग निर्माण में सुरक्षा मानकों को धत्ता बता रही कम्पनी की मनमानी भी सामने आने लगी हैं। अभी तक जो जानकारी सामने आई उसमें पूरी घटना के लिए कंपनी जिम्मेदार हैं।खासकर सुरंग निर्माण के दौरान अपनाई जाने वाली तकनीकी का अनदेखा करना भी गंभीर लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। इसमें सुरक्षा की मॉनिटरिंग करनी वाली कंपनी भी कम जिम्मेदार नहीं है। दरअसल, यमुनोत्री हाईवे के सिलक्यारा बैंड की तरफ से सुरंग खुदाई का कार्य लम्बे समय से चल रहा है। सूत्रों पर भरोसा करें तो जहां सुरंग का मलबा यानी लूज गिरा है, वहां पहले भी मलबा गिरने की घटना हो चुकी थी। इसके लिए कंपनी को ह्यूम पाइप और लोहे के रिब यानी मजबूत सेटरिंग लगाने को मजदूर लगातार कह रहे थे। लेकिन कंपनी अपने मुनाफे के चक्कर में सुरक्षा कार्य के प्रति अनदेखी कर रही थी। यही कारण है कि दीपावली की सुबह यहां सुरंग का भारी मलबा गिरने से 40 मजदूर फंस गए।
एसडीआरएफ का दावा रातभर जारी रहा रेस्क्यू
उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल और बड़कोट के बीच सिलक्यारा सुरंग धसने के कारण टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू कार्य का एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने रातभर राहत एवं बचाव अभियान जारी रखा। मौके पर मौजूद अन्य बचाव इकाइयों व टनल की कार्यदायी संस्था से समन्वय स्थापित करते हुए वैकल्पिक उपायों हेतु भी प्रयास किये गए। वही आज प्रातः हॉरिजॉन्टल हाइड्रोलिक मशीन की सहायता से श्रमिकों तक पहुंचने की कार्यवाही गतिमान है।
सीएम पूरी घटना पर रखे हुए नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरी घटना पर नजर रखे हुए हैं। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित निकालना है। इसके बाद तकनीकी कारणों एवं सुरक्षा में लापरवाही को भी दिखवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आपदा सचिव एवं उत्तरकाशी जिला प्रशासन को त्वरित गति से रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए हैं।