उत्तराखंडकोर्ट का निर्णयपरीक्षा कार्यक्रमरोजगार

बड़ी खबर…उत्तराखंड में स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर आयोग के फैसले पर हाईकोर्ट की मुहर, 9 सौ पदों के लिए डेढ़ लाख युवा देंगे परीक्षा

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा तय समय पर आयोग के नए निर्णय के अनुसार होंगी। हाईकोर्ट ने आज लंबी बहस के बाद अभ्यर्थियों की याचिका का निस्तारण कर आयोग के फैसले के अनुरूप परीक्षा कराए जाने पर अपनी मुहर लगा दी है। इससे करीब 9 सौ पदों पर इसी माह 9 जुलाई को 12 जिलों में परीक्षा कराए जाने की स्थिति स्पष्ट हो गई है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में पेपर लीक के बाद यूकेएसएसएससी ने दिसम्बर माह में स्नातक स्तरीय परीक्षा कैंसिल कर दी थी। इस दौरान बड़ी संख्या में आयोग ने नकलचियों को सूचीबद्ध कर परीक्षा में बैठने के लिए प्रतिबंध किया। जबकि नकलचियों का वास्तविक आंकलन न लग पाने पर पूरी परीक्षा कैंसिल कर दुबारा परीक्षा कराए जाने का निर्णय लिया। इस पर परीक्षा में पास हुएअभ्यर्थियों ने नकलचियों को बाहर कर उन्हें नौकरी देने की मांग की। इस पर जब आयोग ने नए सिरे से परीक्षा कराए जाने का निर्णय कायम रखा तो पास हुए अभ्यर्थियों ने आयोग के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। जहां लम्बे समय से परीक्षा कराए जाने को लेकर याचिका पर लंबी बहस चल रही थी। लेकिन आज हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर आयोग के फैसले को बरकरार रखा, इससे हाई कोर्ट से आयोग को बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट सूत्रों का कहना है कि परीक्षा अब आयोग के शेड्यूल के अनुसार 9 जुलाई को होंगी। परीक्षा में करीब 1 लाख 40 हजार अभ्यर्थियों को बैठने के लिए आयोग ने पहले ही प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। इसके अलावा हरिद्वार में कांवड़ सीजन के चलते 12 जिलों में परीक्षा कराई जाएगी। बहरहाल स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति को कोर्ट ने साफ कर दिया है। अब नकल करते पकड़े गए अभ्यर्थियों, जिनको आयोग ने प्रतिबंधित किया है, को छोड़कर सभी अन्य परीक्षा में शामिल होंगे।

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