बड़ी खबर… उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, पढ़िए पूरा मामला
देहरादून। राज्य में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा होने पर सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत से लेकर ब्लॉक प्रमुख पदों पर फिलहाल प्रशासक जिम्मेदारी संभालेंगे। सरकार ने छह माह के लिए यह व्यवस्था की है। ऐसे में वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि पैदल और चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेताओं में मायूसी दिख रही है।
मंगलवार को सरकार ने हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों की पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। इस आदेश में एसडीएम को क्षेत्र पंचायत व सहायक जिला विकास अधिकारी को ग्राम पंचायतों में छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त किया है। सचिव चंद्रेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि पंचायतों का कार्यकाल खत्म होते ही प्रशासक कार्यभार ग्रहण करेंगे। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में नवंबर 2019 को ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत का गठन किया गया था। हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में नवंबर 2019 में त्रिस्तरीय पंचायतों का निर्वाचन सम्पन्न हुए थे। क्षेत्र पंचायत की पहली बैठक 30 नवंबर व जिला पंचायत की पहली बैठक 2 दिसंबर 2019 को हुई थी। ऐसे में इसी तिथि तक इनका कार्यकाल मौजूद था।
देखिए सरकार द्वारा जारी अधिसूचना
1-चूँकि भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 ङ के अनुसार पंचायत का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि से अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि तक के लिए निर्धारित है। उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में माह-नवम्बर, 2019 में ग्राम पंचायत / क्षेत्र पंचायतों / जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन सम्पन्न हुए थे। इस संबंध मे ग्राम पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त शासनादेश संख्या-1429 / XII (1)/19-86(04)/2008 TC-1, दिनांक 25.11.2019 के अनुपालन में ग्राम पंचायतों की प्रथम बैठक 28.11.2019 एवं क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त शासनादेश संख्या – 1430 / XII (1)/19-86(04)/2008 TC-1, दिनांक 25.11. 2019 के अनुपालन में क्षेत्र पंचायतों की प्रथम बैठक दिनांक 30.11.2019 एवं जिला पंचायतों की प्रथम बैठक दिनांक 02.12.2019 को आहूत की गयी।
2- चूँकि उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में क्षेत्र पंचायतों के सामान्य निर्वाचन उनके कार्यकाल के अवसान से पूर्व अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण कराया जाना साध्य नहीं है।
3- अतएव अब राज्यपाल, उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथा संशोधित उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2020) की धारा 130 की उपधारा 6 के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की समस्त गठित क्षेत्र पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) के कार्यकाल समाप्ति (दिनांक 29.11.2024) पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से छः मास से अनधिक अवधि के लिए अथवा नई क्षेत्र पंचायतों के गठन तक जो भी पहले हो, प्रशासक के रूप में उपजिलाधिकारियों को नियुक्त करने हेतु सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी को प्राधिकृत करते हैं।
4- जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा सम्बन्धित क्षेत्र पंचायत का कार्यभार निर्वाचित क्षेत्र पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति पर तत्काल ग्रहण कर लिया जायेगा । सम्बन्धित नियुक्त किए गये प्रशासक द्वारा सामान्य रूटीन कार्यों का ही निर्वहन किया जायेगा तथा नीतिगत निर्णय नहीं लिए जायेंगे।