भ्रष्टाचार पर प्रहार: उत्तराखंड में विजिलेंस की सख्ती से बढ़ीं गिरफ्तारियाँ, 2024 में रिकॉर्ड 38 भेजे जेल

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषित “जीरो टॉलरेंस नीति” का असर अब ठोस आंकड़ों में दिखने लगा है। राज्य के सतर्कता विभाग (विजिलेंस) को मिली खुली छूट का नतीजा है कि वर्ष 2021 में जहां केवल 7 गिरफ्तारियाँ हुई थीं, वहीं 2024 में यह संख्या 38 तक पहुंच गई है।
विजिलेंस ने बीते साढ़े चार वर्षों में कुल 82 ट्रैप ऑपरेशन के दौरान 94 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 13 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस अवधि में विजिलेंस को 125 शिकायतें मिलीं, जिनमें 18 पर सामान्य जांच, 25 में खुली जांच और 82 मामलों में ट्रैप कार्रवाई हुई। सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, सजा दिलाने की दर भी 71% तक पहुंच चुकी है, जो मजबूत साक्ष्य और प्रभावी पैरवी का प्रमाण है।
वर्षवार आंकड़े
वर्ष गिरफ्तारियाँ निर्णय सजा
2021 07 02 02
2022 15 03 01
2023 20 18 16
2024 38 13 07
2025 14 03 02
(2025 के आंकड़े 15 जुलाई तक के हैं)
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प्रमुख बड़ी गिरफ्तारियाँ
-लोक निर्माण विभाग (AE), नैनीताल – ठेकेदार से ₹10,000 रिश्वत लेते पकड़े गए।U
-UPCL जेई, देहरादून – ₹15,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।
-एलआईयू कर्मी, रामनगर – उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी रिश्वत लेते गिरफ्तार।
-रोडवेज AGM, काशीपुर – ₹90,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार।
-खंड शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार – ₹10,000 की घूस लेते पकड़े गए।
-GST सहायक आयुक्त, देहरादून – ₹75,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार।
-जिला आबकारी अधिकारी, रुद्रपुर – शराब कारोबारी से 10% कमीशन लेते पकड़े गए।
-जनसहभागिता के लिए टोल फ्री नंबर
-राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 भी जारी किया है।
“हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही मैंने विजिलेंस को खुली छूट दी। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि नतीजे सामने आने लगे हैं। भ्रष्टाचारियों को कोर्ट से सजा दिलाने के लिए भी सशक्त पैरवी सुनिश्चित की जा रही है।”
— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड