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बद्रीनाथ और मंगलौर सीट पर उप चुनाव की घोषणा, इन प्रत्याशियों के बीच जंग की चर्चा

देहरादून। राज्य की बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा में उप चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। इन दोनों सीटों पर 10 जुलाई को मतदान और 13 जुलाई को मतगणना होगी। इसके साथ ही दोनों विधानसभाओं में चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई। इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य प्रत्याशियों के नामों की चर्चाएं शुरू हो गई है।

राज्य के हरिद्वार स्थित मंगलौर विधानसभा के बसपा विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी का बीमारी के चलते 30 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया था। जबकि बद्रीनाथ विधानसभा के कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थमने से सीट खाली हो गई थी। ऐसे में दोनों सीटों पर उप चुनाव होना है। आज चुनाव आयोग ने दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की तिथि घोषित कर दी गई है। आयोग के अनुसार बदरीनाथ और मंगलौर में 10 जुलाई को मतदान और 13 जुलाई को मतगणना होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग ने उत्तराखंड के अलावा विभिन्न राज्यों की रिक्त विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसके तहत 21 जून को नामांकन किया जाएगा और 24 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। जबकि 26 जून को नाम वापसी का मौका दिया जाएगा। राज्य की दोनों सीट भाजपा के पास नहीं थीं। लेकिन लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर बंपर जीत के बाद अब यहां भाजपा जीत के लिए पूरा दम लगाएगी। इसके लिए प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य तैयारियां शुरू हो गई हैं।

 

दोनों सीटों पर इन नामों की चल रही चर्चा

बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर सौ फीसद भाजपा कांग्रेस छोड़कर आये राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाएगी। जबकि कांग्रेस ने अभी यहां पत्ता नहीं खोला है। हालांकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लखपत बुटोला, पूर्व प्रमुख नन्दन सिंह बिष्ट, प्रकाश रावत, कमली रावत आदि नामों की चर्चा चल रही है। वहीं, पोखरी निवासी वरिष्ठ पत्रकार नवल खाली ने भी यहां ताल ठोक दी है। सोशल मीडिया में चल रही पोस्ट में पत्रकार खाली बद्रीनाथ विधानसभा में युवाओं के साथ बदलाव देखना चाहते हैं। इसके लिए वह अधिसूचना से पहले ही क्षेत्र भ्रमण में जुटे हैं। इस सीट पर कुछ और निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में उतरने की फिराक में हैं। इधर, मंगलौर सीट पर दिवंगत विधायक सरबत करीम अंसारी से चुनाव हारे कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। जबकि भाजाप से पूर्व प्रत्याशी दिनेश पंवार के अलावा कुछ नए चेहरे भी यहां चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने को तैयार हैं। इस सीट पर काजी निजामुद्दीन ने तीन बार विधायक का चुनाव जीता है। दो बार बसपा और एक बार कांग्रेस से जीता है।।पिछला चुनाव वह महज 600 वोटों से हारे हैं। बसपा के सरबत को 32 हज़ार 600 तथा काजी को 31 हजार वोट मिले हैं। जबकि  भाजपा के दिनेश पंवार को यहां करीब 18 हजार वोट मिले हैं।

 

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