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उत्तरकाशी में 21 साल बाद वरुणावत ने फिर शहरवासियों को डराया, जांच समिति गठित

-उत्तरकाशी में बीती रात भारी बारिश के कारण गोफ़ियारा क्षेत्र हुआ भूस्खलन
-डीएम बोले, अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य, जांच रिपोर्ट का इंतजार
-2003 में भी वरुणावत पर्वत से हुआ था भूस्खलन
-250 करोड़ के बजट से हुआ था ट्रीटमेंट और पुनर्वास कार्य
-अब नए छोर से भूस्खलन ने बढ़ाया शहर की मुश्किलें

उत्तरकाशी। शहर के वरुणावत पर्वत के गोफियारा क्षेत्र में भूस्खलन ने शहरवासियों की चिंता बढा दी है। खासकर 21 साल बाद 250 करोड़ के ट्रीटमेंट के बावजूद शहर खतरे की जद में आ गया है। जिलाधिकारी डॉ मेहरवान सिंह बिष्ट ने घटना के बाद तकनीकी अफसरों के साथ एक विशेषज्ञ समिति गठित कर भूस्खलन के कारणों को जानने को मौके पर भेजा है। जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। फिलहाल, भूस्खलन से स्थिति नियंत्रण में है। क्षेत्र के लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि 2003 में सितम्बर माह में वरुणावत भूस्खलन ने आधा शहर को बर्बाद कर डित था। लगभग एक माह तक ताँबाखानी, रामलीला मैदान और मस्जिद वाले हिस्से में भारी भूस्खलन हुआ था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देहरादून पहुंचकर ट्रीटमेंट के लिए 250 करोड़ की घोषणा की थी। इससे काफी हद तक पुनर्वास, सुरक्षा कार्य हुए थे। लेकिन, गोफियारा और मस्जिद वाले इलाके का ट्रीटमेंट नही हुआ था। कल रात यहां भूस्खलन ने फिर शहरवासियों को डरा दिया है। यहां कलक्ट्रेट क्षेत्र, मस्जिद मोहल्ला, भटवाड़ी रोड, गोफियारा आदि में भूस्खलन होने से खतरे की आहट शुरू हो गई है। इधर, घटना के बाद जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वरूणावत पर्वत से लगे गोफियारा क्षेत्र के आस-पास बोल्डर-पत्थरों के गिरने से क्षेत्र में जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत अधिकारियों की देर रात बैठक ली। साथ ही गिरे पत्थर-बोल्डर, पेड़ उखड़ने आदि के कारण प्रभावित होने वाले क्षेत्र की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट बनाने को एक तकनीकी समिति गठित की है। इस समिति को आज सांय 4 बाजे तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। समिति में उप जिलाधिकारी भटवाडी, उप निदेशक/भू-वैज्ञानिक जिला टॉस्क फोर्स उत्तरकाशी, अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड लोनिवि उत्तरकाशी, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड उत्तरकाशी, उप प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी वन प्रभाग उत्तरकाशी, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्रतिनिधि, निरीक्षक एसडीआरएफ उत्तरकाशी, टीम लीडर एनडीआरएफ उत्तरकाशी तथा कनिष्ठ अभियन्ता जनपद आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण उत्तरकाशी को शामिल किया गया है।जिलाधिकारी ने इस समिति को आज ही प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण एवं सर्वेक्षण कर गिरे बोल्डर एवं पत्थर के कारण, प्रभाव पूर्व में सुरक्षा हेतु लगायी गयी रेलिंग की क्षति, रास्ता एवं गिरे बोल्डर पत्थरों के उपचार हेतु तत्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय एवं बोल्डर पत्थरों से प्रभावित होने वाले क्षेत्र आदि के सम्बन्ध में संयुक्त विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। समिति के सदस्य प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण को मौके पर पहुंच गई है।

इधर, भूस्खलन के बाद गंगोत्री मार्ग सहित उत्तरकाशी-घनसाली-तिलवाड़ा मार्ग पर यातायात सुचारू है। इन मार्गो पर कुछ जगहों पर भूस्खलन का मलबा आने से रात्रि में यातायात अवरूद्ध हुआ था और आज सुबह मलवे को साफ कर यातायात बहाल कर दिया गया है। साथ ही तेखला-महिडाण्डा सड़क किमी 6 पर क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके पुनर्निर्माण का कार्य गतिमान है। इस मार्ग पर दोपहर तक यातायात बहाल कर दिए जाने की संभावना है।

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