उत्तराखंडजिम्मेदारीप्रतिभा को सलाम

सरकार के सारथी बने अफसरों ने पल पल निभाई अहम जिम्मेदारी

देहरादून। ऑपरेशन सिलक्यारा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के अफसरों ने भी सारथी की भूमिका निभाई। ख़ासकर सिलक्यारा में ऑपरेशन में नोडल की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ नीरज खैरवाल, मीडिया तक सही और तथ्यात्मक सूचनाएं पहुंचाने में डीजी सूचना बंशीधर तिवारी तथा सुरंग के अंदर श्रमिकों और बाहर परिजनों का मनोबल बढ़ाने वाले एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने अहम जिम्मेदारी संभाली हैं।
सिलक्यारा सुरंग हादसे में यूं तो सरकार के हर छोटे बड़े नुमाइंदे ने अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाई है। लेकिन पूरे ऑपरेशन में 17 दिन तक मोर्चे पर डटे रहने वाले अफसरों की जितनी तारीफ की जाए कम है। हादसे के बाद से एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा टीम के साथ सुरंग में पहुंचे गए थे। मणिकांत वह अफसर हैं जिन्होंने सबसे पहले श्रमिकों को भोजपुरी में बात करके मनोबल बढ़ाया था। उनकी बातचीत का वीडियो में सोशल मीडिया में खूब वॉयरल हुआ था। इसके अलावा सुरंग में फंसे श्रमिकों तक संचार सेवा जोड़ने में उनकी अहम भूमिका रही। इसी तरह रेस्क्यू कार्य के लिए समन्वय बनाने के लिए नोडल बनाये गए सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने टीम वर्क के साथ कम किया। पल पल ब्रीफिंग से लेकर सभी एजेंसियों से समन्वय बनाकर काम किया है।
सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में मीडिया की अहम भूमिका रही है। रेस्क्यू एजेंसियों की तर्ज पर मीडिया ने हर पल की खबरें देश दुनिया तक पहुंचाई। ऐसे में सही सूचना और तथ्यात्मक खबरें प्रसारित हो, इसके लिए स्वयं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने जिम्मेदारी संभाली। सिलक्यारा में मीडिया को ब्रीफिंग के बाद रेस्क्यू कार्य से जुड़ी जानकारी समय पर पहुंचाने से लेकर खबरों के प्रसारण में मदद करते रहे। डीजी सूचना आज रेस्क्यू समाप्ति के बाद तक मोर्चे पर मीडिया को पूरी जानकारी देते दिखे। खासकर सुरंग से श्रमिकों को बाहर निकालने, अस्पताल भेजने समेत आगे के सरकार के प्लान की जानकारी साझा की गई। बहरहाल ऑपरेशन सिलक्यारा में सरकार के सारथी बने अफसरों की जितनी तारीफ की जाए कम हैं।

 

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