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सुरंग से श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना राज्य और केंद्र की सर्वोच्च प्रथामिकत

देहरादून। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा पहुंचे। यहां सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने को लेकर चल रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया तथा देश और दुनिया से जुटे विशेषज्ञों की राय जानी। इस दौरान मीडिया से मुखातिब हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना है। इसके लिए सुरंग के बाहर छह स्थानों से काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
केंद्रीय मंत्री सड़क एवं परिवहन नितिन गडकरी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्य को देश और दुनिया के विशेषज्ञ जुटे हुए हैं। राज्य सरकार के बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, संचार समेत अन्य विभागों के अधिकारी जिम्मेदारी के साथ अपना अपना काम कर रहे हैं। इसके अलावा देश की प्रतिष्ठित संस्था ओएनजीसी, रेलवे(आरवीएनएल) बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, एनडीआरएफ, सतलुज जल विद्युत निगम, समेत अन्य बचाव कार्य में अपना अपना योगदान दे रहीं हैं। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना के दिन से ही गंभीरता से बचाव कार्य का पल पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने दो बार घटना स्थल पर पहुंचकर बचाव कार्यों का जायजा ले लिया है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कम समय में सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। उन्होंने कहा कि आपदा में सबसे पहले मनोबल बनाये रखने की जरूरत है। इसी उम्मीद के साथ बचाव टीम के साथ बचाव के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा हुई है। इसके बाद सुरंग के सभी हिस्सों से चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली गई। बताया गया कि बचाव कार्य को लेकर सभी हिस्सों में युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द इस काम में सफलता मिल जाएगी।

ऑगर मशीन से भी चल रहा बचाव कार्य

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के लिए दुनिया की सबसे आधुनिक अर्थ ऑगर मशीन से भी काम चल रहा है। कुछ समय के लिए सुरंग में हार्ड रॉक आने से मशीन ने काम करना जरूर बंद कर दिया था, लेकिन इस बाधा को दूर करने को अब मशीन के पर्याप्त उपकरण घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। अब हार्ड रॉक को काटने की क्षमता वाले उपकरण मौजूद है। यदि इस कार्य में सफलता मिली तो ऑगर मशीन से पाइप डालने वाले रास्ते से सबसे कम समय में मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य वर्टिकल ड्रिल से तीन जगह से चल रहा है। जबकि सुरंग के दूसरे हिस्से से भी बचाव का काम चल रहा है।

 

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