देहरादून। राजधानी पुलिस ने नकली दवा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नकली दवा बनाकर पूरे देश में बेचने वाले गिरोह के दो सरगनाओं को गिरफ्तार किया है। आरोपी असली दवा कम्पनी के नाम पर नकली दवा बनाते थे। पुलिस ने आरोपियों के घर, दफ्तर और फैक्टरी से बड़ी मात्रा में नकली दवा का स्टॉक, उपकरण एवं अन्य सामान बरामद किया है। इसके अलावा नकली दवा बेचकर खरीदी गई महंगी कार, बैंक में जमा लाखों रुपये को माल मुकदमा बनाते हुए फ्रीज कर दिए हैं।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने दिल्ली की फार्मा कंपनी की नकली दवाएं देश भर में सप्लाई होने की सूचना पर बड़ी कार्रवाई की है। एसएसपी के अनुसार थाना रायपुर पर वादी विक्रम रावत निवासी फ्लैट 301 अपेक्स टावर अशोक विहार गुडगांव ( डिप्टी मैनेजर JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED) द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि सचिन शर्मा प्रोपराईटर एसएस मेडिकोज अमन विहार देहरादून द्वारा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी की कम्पनी के नाम से जालसाजी, कूटरचना व धोखाधडी कर नकली मिलावटी दवाइयां बेची जा रही हैं। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने रायपुर पर पंजीकृत किया गया। घटना की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा क्षेत्राधिकारी डोईवाला के नेतृत्व में थाना रायपुर व एसओजी की संयुक्त पुलिस टीम गठित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताई ये कहानी
पुलिस टीम द्वारा नामजद अभियुक्त सचिन शर्मा के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो अभियुक्त की अमन विहार में एक मेडिकल शॉप होने के सम्बन्ध में जानकारी मिली। पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त सचिन शर्मा व उसके पार्टनर विकास कुमार को पाल्टेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर के पास से रेंज रोवर गाडी के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से वाहन में रखी इन्डोकेप व इन्डोकेप एस0आर0 दवाईयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाईयां बरामद हुई। अभियुक्त गणों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया कि मकदूमपुर गांव पर उनकी एक फर्जी फैक्ट्री है तथा गोदावरी रूडकी स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाईयां व उससे सम्बन्धित सामाग्री रखी हुई है, जिसे वह मूल दवाई की कम्पनी के नाम से विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते है। पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त गण की निशानदेही पर मकदुमपुर गांव निकट लकनौंता चौराहा झबरेडा हरिद्वार स्थित फैक्ट्री व अभियुक्त सचिन शर्मा के गोदावरी रूडकी हरिद्वार स्थित फ्लैट से भारी मात्रा में नकली दवाईयाँ, नकली दवाईयां बनाने के उपकरण,नकली दवाईयां बनाने के लिये कच्चा माल व अन्य सामाग्री की बरामद की गयी है व मकदूमपुर हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री को सील किया गया । अभियुक्त गणों के द्वारा नकली दवाईयाँ की पूर्व में की गयी सप्लाई के सम्बन्ध में भी साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है । अभियुक्तगण को आज समय से न्यायालय पेश किया जा रहा है।
पहले दवा कम्पनी में करते थे दोनों काम
अभियुक्त सचिन शर्मा द्वारा बताया कि वह दोनो एक दूसरे को पहले से जानते है। वह स्टेफफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाईजर का काम करता था। जहां दवाईयाँ बनती है तथा विकास जगसन पाल फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था। दोनों की कोरोना में नौकरी छूट गयी थी। इस पर दोनों ने प्लान बनाया कि वह जैगसन पाँल कम्पनी एवं वर्लटर बूसनल कम्पनी की नकली दवाईयाँ तैयार कर मार्केट में बेच सकते है, जिससे वह लोग करोड़ो कमा सकते है। दोनो को दवाईयाँ का कम्पनी में रह कर दवाईयों के बनाने की जानकारी हो गयी थी, कि दवाईयाँ कैसे बनती है। इससे पहले उनके द्वारा कई फर्म खोली गयी। वर्तमान में वह वर्ष दिसम्बर 2022 से एक एसएस मेडिकोँज नाम से एक फर्म खोली थी, जिसका प्रोपराईटर वह स्वयं है। परन्तु यह फर्म दोनो की पार्टनरशिप फर्म है। इस फर्म से जितना लाभ प्राप्त होता है, उसको दोनो 50-50 प्रतिशत बराबर बाँट लेते है। वह लाभ का पैसा विकास कुमार को उसके खाते में डाल देता हूँ। उनके द्वारा उक्त कम्पनी की दवाईयाँ अपनी फैक्टरी मकदूमपुर गाँव निकट लखनौता चौराहा झबरेड़ा में बनाते है, जहाँ उनके द्वारा उक्त फैक्ट्री में दवाईयाँ बनाने के लिये मशीने रखी है और वहां कच्चा माल भी रखा है।
ऐसे बनाते थे नकली दवा, यहां से लाते थे कच्चा माल
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह दवाईयाँ बनाने के लिये कच्चा माल रोलेक्स फार्मा बाम्बे की एक कम्पनी से खरीदते थे। जिसका भुगतान उनके द्वारा आँनलाईन किया जाता था। जहां से कच्चा माल विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट से रुड़की आता है, जिसे वह रुड़की में उतारकर अपनी फैक्ट्री में ले जाते है। उनके द्वारा कच्चे माल की डिलीवरी हफ्ते में ली जाती है। उसके बाद उनके द्वारा फार्मास्यूटिकल कम्पनी एवं अन्य कम्पनी की दवाईयाँ को उनके कम्पोजिशन के आधार पर कुछ कम मात्रा में भरकर नकली दवाईयाँ बनायी जाती है। जिसे वह अपनी एसएस मेडिकोज नाम की फर्म से सेल करते है।
ऐसे बनाई मेडिकल फर्म
आरोपियों ने एसएस मेडिकोज की फर्म बनाने के लिये अपने नाम पर ड्रग लाईसेन्स लिया है, जो वर्ष 2022 में बनाया था। एसएस मेडिकोज नाम की फर्म का आँफिस देहरादून में सहस्त्रधारा रोड़ में खोला है। जहाँ से वह लोग उक्त दवाईयो को दिल्ली, लखनऊ एवं कोलकाता आदि शहरो में बेचते है। मार्केटिंग में होने के कारण विकास के पहले से मेडिकल डीलरों से सम्पर्क थे। जिस पर वह लोग अन्य राज्यो के मेडिकल स्टोर एवं डीलरो को उनके द्वारा अपनी फैक्टरी में तैयार दवाईयाँ बेचते थे। वह हफ्ते में दवाई के 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते है, जिन्हे बेचकर वह करोड़ो रुपये का लाभ और कई सम्पत्तियाँ भी अर्जित की गयी है।
नकली दवा बेचकर खरीदी महंगी कारें और फ्लैट्स
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि रेंज रोवर कार भी नकली दवा बेचकर खरीदी थी। इसके अतिरिक्त विकास ने रुड़की में 35 लाख रुपये का प्लाट व 12 लाख रुपये की सोनेट कम्पनी की गाड़ी खरीदी है । इसके अतिरिक्त उषा इन्क्लेव में 50 लाख रुपये का मकान व मकदूनपुर में फैक्टरी के लिये 04 बीघा जमीन भी ली है। जिस पर वह फैक्टरी स्थापित किये जाने का विचार है ।
ऐसे बनाते थे नकली दवा के
वह नकली दवाईयों के लिये रेपर दिल्ली एवं भगवानपुर में एक व्यक्ति को प्रिन्ट करने के लिये देता हूँ, जो कि वह 800 रुपये किलो के हिसाब से रेपर प्रिंट करता था। उनके द्वारा सारे कूटरचित बिल अपने लैपटाँप पर एडिट करके तैयार किये गये है। जो अभी भी उनके लैपटाँप पर पड़े है। अभियुक्त विकास द्वारा धोखाधडी से अर्जित की गयी वाहन KIA को भी कब्जे पुलिस लिया गया है ।
गिरफ्तार अभियुक्त
सचिन शर्मा पुत्र नरेन्द्र कुमार शर्मा निवसी अशोका पुरम निकट गोदावरी होटल दिल्ली रोड़ थाना मंगलौर रुड़की हरिद्वार हाल पता- अमेजन कालोनी, सहस्त्रधारा रोड़ निकट एसआर पैट्रोल पम्प वाली गली नं0 03 रायपुर देहरादून, उम्र- 40 वर्ष, विकास पुत्र उदयवीर निवासी ग्राम बेड़ाआसा पोस्ट बेड़ाआसा तहसील जानसठ थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर उ0प्र0 हाल पता- अमेजन कालोनी सहस्त्रधारा रोड़ थाना रायपुर जनपद देहरादून उम्र- 32 वर्ष
बरामदगी का विवरण
पुलिस ने आरोपियों के पास INDOCAP एस0आर0 कैप्सूल की 20 पेटी में रखे कुल 2500 डिब्बे कुल 7,50,000 कैप्सूल,- नीले प्लास्टिक के 07 डिब्बों में रखे कुल 9,01,000 कैप्सूल, – काली रंग की 11 प्लास्टिक की पन्नी में रखे 12,82,600 कैप्सूल, – विभिन्न बैंको की 24 चौक बुक, – INDOCAP एस0आर0 खाली कैप्सूल बाक्स के रैपर 3000, – खाली कैप्सूल 1,00,000/-
7- दवाई बनाने हेतु कच्चा माल 50 किलो, – सीलिंग हेतु कम्पनी के टेप रोल 107, – कम्पनी का प्रिन्टेड फायल कवर बडे 15, – कम्पनी के गत्ते की खाली पेटी 50, – नकली दवाईयों की टैक्स इनवाइस बिल -07, – HP लैपटाप -1,- मोबाइल फोन -07, – रेंज रोवर गाडी सं0 TO 923 CH7967B- 01 (कीमत लगभग एक करोड रूपये), – KIA गाडी सं0 UK 17R-2647 -01, – नकली दवाईयां बनाने के उपकरण, – नकली दवाईयां बनाने की मशीनें
पुलिस टीम में रहे शामिल
टीम प्रभारी- अभिनय चौधरी क्षेत्राधिकारी डोईवाला, उ0नि0 कुन्दन राम, थानाध्यक्ष थाना रायपुर देहरादून, उ0नि0 नवीन जोशी व0उ0निरी0 थाना रायपुर देहरादून, उ0नि0 राजीव धारीवाल चौकी प्रभारी मालदेवता, उ0नि0 सुनील नेगी चौकी प्रभारी बालावाला, उ0नि0 रमन बिष्ट थाना रायपुर देहरादून, उ0नि0 राजेश असवाल चौकी प्रभारी मयूर विहार, हे0का0 सन्तोष कुमार, हे0का0 दीपप्रकाश, का0 सौरभ वालिया, का0 हिमांशु का0 मंजीत, सओजी टीम निरीक्षक एनके भट्ट, प्रभारी एसओजी देहरादून, हे0कानि0 किरन, कानि0 ललित, – कानि0 पंकज, कानि0 अमित।