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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में केपी और केवी का हैंडराइटिंग एक्सपर्ट गिरफ्तार, असली अभिलेखों से ऐसे रचा नकली का खेल

देहरादून। उत्तराखंड ही नहीं देश के सबसे बड़े रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं। पुलिस ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में भू-माफिया केपी सिंह यानी कुंवरपाल सिंह और केवी यानी कमल विरमानी के लिए हैंडराइटिंग का काम करने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया है। इनसे पहले केपी का मुंशी भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब तक एसआईटी की जांच केपी और केवी तक चल रही है। यदि रिकॉर्ड रूम और रिकॉर्ड की जिम्मेदारी संभालने वाले रजिस्ट्रार विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों तक जांच पहुंची तो रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

एसएसपी अजय सिंह के अनुसार दून में फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में शामिल एक और अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। उक्त प्रकरण में अब तक 13 अभियुक्तों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के अनुसार फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में थाना कोतवाली नगर में पंजीकृत अभियोग की विवेचना एसआईटी द्वारा की जा रही है। उक्त प्रकरण में एसएसपी देहरादून के निर्देश पर प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एसआईटी द्वारा एक और अभियुक्त अजय मोहन पालीवाल को हरभजवाला बसंत विहार से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा फॉरेंसिक साइंस से एमएससी की पढ़ाई की गई है। सहारनपुर में वह हस्ताक्षर व हस्त लेख एक्सपर्ट है। केपी सिंह और वकील कमल विरमानी के लिए लम्बे समय से रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का काम करता था। आरोपी रिकॉर्ड रूम से चुराए गए असली दस्तावेजों के हूबहू नकली दस्तावेज तैयार करता था। उसके द्वारा और गत दिवस गिरफ्तार केपी के मुंशी महेश उर्फ पंडित ने दून की सभी फर्जी रजिस्ट्री में केपी सिंह और कमल विरमानी के अनुसार फर्जी नाम दर्ज कर हैंडराइटिंग एक्सपर्टीज के द्वारा असली रिकॉर्ड के हूबहू नकली अभिलेख तैयार कर रिकॉर्ड रूम में जमा किये।गिरफ्तार अभियुक्त गण का नाम अजय मोहन पालीवाल पुत्र मनमोहन पालीवाल नि0 – आर्दश कॉलोनी, मुज्जफरनगर उ0प्र0 हाल नि0 हरभजवाला, बसंत विहार, देहरादून। पुलिस अब इस मामले में लिंक जोड़ते हुए कुछ और गिरोह के लोगों को गिरफ्तार कर सकती है।

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