देहरादून। उत्तराखंड में एक पुलिस दरोगा ने कानून पर विशेषज्ञता हासिल सीनियर वकील को ही कानून पढ़ा डाला। वकील ने भी मौके की नजाकत के अनुसार निर्णय लिया और दरोगा को बिना जुर्म पर काटा गया चालान की रकम दरोगा के निजी खाते में जमा करवा दी। फिर क्या था, वकील ने कानून पढ़ाने वाले दरोगा को ही सबूत के साथ आड़े हाथों लिया। अब मामले सीनियर पुलिस अफसरों के संज्ञान में आया तो एसएसपी ने दरोगा को लाइन हाजिर और मामले की जांच सीओ चंबा को सौंप दी। अब देखना होगा कि जांच के बाद दरोगा पर क्या कार्रवाई होती है।
दरअसल, मामला टिहरी जिले के चंबा नागणी चौकी से जुड़ा है। यहां गत दिवस कोर्ट कार्य से उत्तरकाशी से दून लौट रहे सीनियर वकील अमित तोमर का चौकी इंचार्ज नागणी दीपक लिंगवाल से रूटीन की चेकिंग के दौरान सामना हो गया। वकील ने अपनी फेसबुक वॉल पर जो घटना का विवरण दिया है, उसके अनुसार दरोगा ने चालान के नाम पर अमित को रोका है। पुलिस के बिना गलती के रोकने पर कानून की जानकारी रखने वाले अमित ने जरूर रोकने का कारण पूछा तो यह बात दरोगा और उनके साथ मौजूद सिपाहियों को नागवार गुजरी। बकौल अमित का कहना है कि जब उनकी कार के सभी कागजात सही थे, तो टशन में दरोगा ने 500 का चालान काट दिया। बस यहीं से अमित ने भी दरोगा को कानून पढ़ाने की ठान ली। अमित ने चालान की रकम ऑनलाइन जमा करने को कहा तो दरोगा ने अपने पर्सनल मोबाइल नम्बर पर रकम ले ली। दून पहुंचने पर अमित ने दरोगा के द्वारा सरकारी चालान की रकम ऑनलाइन अपने खाते में जमा करवाने को नियम विरुद्ध बताते हुए फेसबुक वॉल पर रसीद डाल दी। मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आया तो जांच के निर्देश दिए गए। एसएसपी नवनीत भुल्लर ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई कर दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। पूरे मामले की ठोस जांच के आदेश सीओ चंबा सुरेंद्र प्रसाद बलूनी को सौंपी गई। सीओ ने चौकी इंचार्ज के लाइन हाजिर होने तथा जांच की पुष्टि की है। कहा कि फिलहाल वह थत्यूड़ में पंचायत उप चुनाव में व्यस्त हैं।मुख्यालय लौटने पर ही आगे की कार्रवाई के बारे में कुछ बता पाएंगे।