उत्तराखंडरजिस्ट्री फर्जीवाड़ा

उत्तराखंड में करोड़ों की रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच की मांग, पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर वकीलों की आज हड़ताल

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बार एसोसिएशन ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के चक्कर में अधिवक्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। बार ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को कोर्ट कार्यों का विरोध कर हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है।

राजधानी में करोड़ों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री मामले में वकीलों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बार के वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी की गिरफ्तारी के बाद से अधिवक्ताओं में गुस्सा है। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज पत्रकार वार्ता बुलाकर पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एसोसिएशन का कहना है कि पुलिस फर्जीवाड़े का केंद्र रहे सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है, जबकि अधिवक्ताओं पर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। इसके विरोध में देहरादून के अधिवक्ता मंगलवार को कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान कचहरी में सभी कार्य ठप रहेंगे। साथ ही कोर्ट कार्रवाई भी प्रभावित रहेगी।

 

वकीलों ने की सीबीआई से जांच कराने की मांग

सोमवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई उनके लिए विश्वसनीय नहीं है। रजिस्ट्री फ़र्ज़ीवाड़े का यह एपिसोड बेहड़ी गंभीर है। ऐसे में इसकी जांच पुरातात्विक स्थल से कराई जानी चाहिए। यह तय किया गया है कि पुलिस की अपरिपक्व कार्रवाई के विरोध में मंगलवार दोपहर 12 बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को अनुमति दी गई। जिसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को सुबह 11.30 बजे रेस्तरां परिसर स्थित बार एसोसिएशन के भवन में उपस्थिति दर्ज कराई गई है।

अनुपस्थित रहने वाले वकीलों को चेतावनी
अनुपस्थित रहने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई की चेतावनी भी एसोसिएशन ने जारी है। बार एसोसिएशन के सचिव राजबीर बिष्ट ने कहा कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अभी तक रिकार्ड रूम प्रभारी व सब रजिस्ट्रार को जांच के दायरे में नहीं लिया गया है। जबकि फर्जी रजिस्ट्रियों को असल बताने वाली नकल की सत्यापित प्रति इन्हीं अधिकारियों के माध्यम से जारी की गई। इन्हीं नकल को विभिन्न राजस्व न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक में लगाया गया। ऐसे में अधिवक्ताओं ने भी ऐसी नकल से संबंधित रजिस्ट्रियों पर भरोसा किया। जो कि स्वाभाविक बात भी है।

 

 

 

सीबीआई से जांच कराने की मांग
बार एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण की जांच अब सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। क्योंकि, यह प्रकरण राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला भी साबित हो सकता है। ऐसे में पुलिस दबाव में भी काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा बार एसोसिएशन हापुड़ में अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में भी ज्ञापन सौंपेगी।

 

 

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