अपराधउत्तराखंडरजिस्ट्री फर्जीवाड़ा
उत्तराखंड में करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े में नामी वकील की जमानत खारिज, दो दिन पुलिस कस्टडी मिली

देहरादून। उत्तराखंड में करोड़ों की जमीनों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नामी वकील कमल बिरमानी की जमानत खारिज हो गई है। एसआईटी के अनुरोध पर कोर्ट ने आरोपी बिरमानी और उसके मुंशी रोहिताश को दो दिन की पुलिस कस्टडी की अनुमति दी है। कस्टडी के दौरान एसआईटी आरोपी से महत्वपूर्ण दस्तावेज और जानकारी हासिल कर सकती है।

50 मीटर दूर साथ रहेगा वकील
कोर्ट ने यह आदेश भी जारी किए गए हैं कि यदि विरमानी चाहे तो वह अपने अधिवक्ता को अपने साथ रख सकता है, लेकिन विवेचनाधिकारी आरोपित के अधिवक्ता को जितनी निश्चित दूरी बताएंगे वह उतनी निश्चित दूरी पर या कम से कम 50 मीटर की दूरी पर रहेंगे। साथ ही वह विवेचना में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं करेंगे।
मुंशी और वकील की आमने सामने होगी मुलाकात
कोर्ट में विवेचक राकेश कुमार गुसांई ने अदालत में दलील दी कि आरोपित कमल विरमानी 27 अगस्त व उनके पूर्व मुंशी रोहताश 22 अगस्त से न्यायिक हिरासत में हैं। आरोपितों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ करनी जरूरी है। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपितों ने अपने बयानों में बताया है कि फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज व पत्रावलियां उन्होंने सरकारी कार्यालय की फाइलों में रखे हैं। दस्तावेज व पत्रावलियां बरामद करने के लिए कमल विरमानी व रोहताश का तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए।
आरोपी के वकील ने किया पीसीआर का विरोध
इस पर आपत्ति जताते हुए आरोपित कमल विरमानी के अधिवक्ता एसके धर ने कहा कि विरमानी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि वह मामले से जुड़े दस्तावेज बरामद कराएगा। विवेचक ने ऐसे किसी विशिष्ठ स्थान का उल्लेख नहीं किया है, जिसकी पहचान आरोपितों से ही कराई जानी संभव है। आरोपित वरिष्ठ अधिवक्ता है, जिसके घर, कार्यालय व चैंबर को सभी लोग जानते हैं। पुलिस ने प्रकरण से संबंधित दस्तावेज बरामद कर लिए हैं। इसलिए आरोपितों का अनावश्यक पुलिस रिमांड लिया जा रहा है। इसलिए प्रार्थनापत्र खारिज किया जाए। दूसरी ओर आरोपित रोहताश के अधिवक्ता एमएस पंत ने बताया कि रोहताश मुंशी का काम करता था। उसकी ओर से जो कुछ किया गया है वह अपने बॉस के निर्देशों के अनुपालन में किया गया है। उसके कब्जे में किसी प्रकार का कोई दस्तावेज व प्रकरण से संबंधित कोई वस्तु नहीं है।