स्पेन के टेमोटो फेस्टिवल से बढ़िया है अपने उत्तराखंड का बटर फेस्टिवल, यहां खेली जाती दूध, मट्ठा और मक्खन की अनूठी होली

देहरादून। स्पेन का ला टोमेटिना (स्पेनिश उच्चारण) यानि टोमेटो फेस्टिवल से सभी वाकिफ हैं। 30 अगस्त को होने वाले इस फेस्टिवलों में भाग लेने के लिए अपने देश भारत से भी तमाम लोग तैयारी कर रहे होंगे। जो ऐसा सोच रहे हैं या जो बस सालों से स्पेन जाने की चाहत ही पाले बैठे हैं, उनके लिए हमारे पास टोमेटो फेस्टिवल से भी खास फेस्टिवल है। जिसका नाम है ‘बटर फेस्टिवल’। जी हां, नाम के ही अनुरूप यह फेस्टिवल यानी पर्व बटर यानी मक्खन के साथ मनाया जाता है। एक तरह से यह मक्खन, दूध और मट्ठा (छाछ) की होली होती है। ठीक वैसे ही जैसे टोमेटो फेस्टिवल में लोग टमाटर एक दूसरे पर फेंक मारते हैं या उसका पल्प बनाकर (मसलकर) एक दूसरे पर मल देते हैं। बटर फेस्टिवल की एक सबसे अधिक खास बात इसका उत्सव स्थल भी है। इसे मनाने के लिए हजारों की संख्या में लोग उत्तराखंड प्रदेश के सीमांत उत्तरकाशी जिले में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर एकत्रित होते हैं। यह सथल है मखमली घास वाला ‘दयारा’ बुग्याल।
बटर फेस्टिवल मनाने की पौराणिक गाथा
प्रकृति को ईश्वर का दर्जा देकर उसके द्वारा किए गए उपकारों के बदले उत्तरकाशी जनपद के रैथल के ग्रामीण एक ऐसा जश्न मनाते हैं जो खुद में बेहद अनूठा है। बुग्यालों में अपने मवेशियों के साथ गर्मियों की दस्तक के साथ पहुंचने वाले ग्रामीण मानसून बीतने के साथ ही वापिस गांव की ओर लौटने लगते हैं लेकिन इस बीच बुग्यालों में उगने वाले औषधीय गुणों से भरपूर घास, पौधों और कई किमी लंबे फैले बुग्याल की घास चरने के चलते दुधारू मवेशियों के दूध में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी भी होती है। ग्रामीण जब बुग्याल स्थित इन छानियों से लौटने की तैयारी करने लगते हैं तो अपने मवेशियों को सुरक्षित रखने, दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए ग्रामीण उस कुदरत का आभार जताना नहीं भूलते जिसके बूते यह संभव हुआ। लिहाजा, श्रावन मास बीतते ही भाद्रपद की पहली तिथि यानि संक्रांति को ग्रामीण यहां दूध मक्खन, छाछ मट्ठा की होली का आयोजन करते हैं। इस मेले के आयोजन के कुछ दिनों बाद ही ग्रामीण बुग्यालों से शीतकालीन प्रवास के लिए गांव की ओर मवेशियों के साथ लौटने लगते हैं।
28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है दयारा बुग्याल
यह अनोखा आयोजन रैथल के ग्रामीणों की ओर से समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई व 28 वर्ग किमी में फैले दयारा बुग्याल में किया जाता है। दयारा बुग्याल बीते सालों में ट्रैकिंग के शौकीनों के बीच विंटर ट्रैक के रूप में खूब प्रसिद्ध हुआ है हालांकि बुग्याल तक पूरे साल भर ट्रैकिंग की जा सकती है और मानसून के दौरान रंग बिरंगे फूलों की चादर ओढ़े दयारा बुग्याल मंे ट्रैकिंग करना एक अलग अनुभव है। इसी दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीणों की ओर से यह अनोखा बटर फेस्टिवल यानि अढूडी उत्सव सदियों से पारंपरिक रूप से मनाया जा रहा है। दो दशक पूर्व ग्रामीणों ने इसे पर्यटन से जोड़ने की योजना बनाई तो रैथल के ग्रामीणों ने दयारा पर्यटन उत्सव समिति का गठन किया। बीते कई सालों से दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल की ओर से दयारा बुग्याल में इस बटर फेस्टिवल का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाता है जिससे देश विदेश के पर्यटक भी इस अनूठे उत्सव के गवाह बन सके। इस वर्ष भी 17 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा।
बटर फेस्टिवल की तैयारी में जुटीं समिति
इस वर्ष 17 अगस्त को दयारा बुग्याल में दयारा पर्यटन उत्सव समिति अढूंडी उत्सव का आयोजन कर रहा है। समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने बताया कि 17 अगस्त को सुबह 11 बजे दयारा बुग्याल के प्रवेश द्वार धिनाड़ा में इस उत्सव का आयोजन किया जाएगा जहां संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक दलों ल द्वारा रंगारंग सांस्कृति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। बटर फेस्टिवल में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिकरत करेंगे इसके साथ ही गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान समेत अन्य लोग भी मौजूद रहेंगे।
कैसे पहुंचे दयारा बुग्याल तक
दयारा बुग्याल तक रैथल गांव से 7 किमी की पैदल दूरी तय कर पहुंचा जा सकता है। घने जंगलों के बीच से गुजर कर जाता यह ट्रैक बेहद खूबसूरत होने के साथ ही कुदरत के कई अलग अलग रूपों से भी रूबरू करवाता है। रैथल गांव देहरादून से 185 किमी की दूरी पर स्थित है। 17 अगस्त को आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल में अगर आप हिस्सा लेना चाहते हैं तो आपको 15 अगस्त को रैथल गांव पहुंचना पड़ेगा। रैथल गांव समुद्रतल से 7 हजार फीट की उंचाई पर स्थित है और यहां से गंगोत्री हिमालय रेंज का शानदार दृश्य आकर्षण का केंद्र है। रैथल गांव में बीस से अधिक होमस्टे संचालित हो रहा है यहां पहुंचकर आप आसानी से किसी भी होमस्टे में कमरा लेकर ठहर सकते हैं और अगली सुबह यानि 16 अगस्त को दयारा बुग्याल के लिए ट्रैकिंग शुरू कर सकते हैं। जिस होमस्टे में ठहर रहे हो वहां से दयारा बुग्याल में रात गुजारने की व्यवस्था करवा सकते हो, क्योंकि बुग्याल में टैंट लगवाने पर प्रतिबंध है और वहां रहने के भी सीमित साधन है लिहाजा आप दयारा के लिए निकलने से पहले रैथल में जिस होमस्टे में ठहरे हों वहां से ही रहने की व्यवस्था करवा सकते हो। दयारा बुग्याल का 7 किमी ट्रैक बेहद खूबसूरत है। 16 अगस्त की शाम दयारा बुग्याल में गुजारना एक अनूठा व यादगार अनुभव हो सकता है।
पंचगाईं के लोग जुट गए तैयारी में
दयारा पर्यटन उत्सव समिति के बैनरतले रैथल, नटीण, भटवाड़ी, क्यार्क, बंद्राणी पांच गांव के लोग इस वर्ष दयारा में हर वर्ष की तरह ही अढूंडी उत्सव का 17 अगस्त को आयोजन कर रही है। इस साल दयारा सर्किट में स्थित व रैथल समेत पांच गांव इसका संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं। रैथल, नटीण, बंद्राणी, क्यार्क, भटवाड़ी पारंपरिक रूप से पंचगाईं के रूप में संबोधित होते हैं और इन पांचों गांव में धार्मिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित होते रहे हैं। समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि आने की सहमति दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पिछले वर्ष भी दयारा बुग्याल में आयोजित बटर फेस्टिवल में शामिल होने का कार्यक्रम था लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह शामिल नहीं हो सके थे और इसके लिए उन्होंने वीडियो जारी कर बटर फेस्टिवल के आयोजन में शामिल न होने पर दुख जताते हुए आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की थी।
रैथल में 20 हेरिटेज होम-स्टे
रैथल गांव में 20 से अधिक होमस्टे और कुछ होटल भी हैं, वहां रात्रि विश्राम कर इस ऐतिहासिक गांव की खूबसूरती का अहसास लेने के साथ ही गांव को जानने का मौका मिलेगा, 16 अगस्त को रैथल से दयारा बुग्याल के लिए ट्रैकिंग शुरू कर दयारा बुग्याल, गोई बुग्याल, चिलापड़ा बुग्याल में रात्रि विश्राम कर सकते हैं, रात्रि विश्राम करने के ईच्छुक पर्यटकों से दयारा पर्यटन उत्सव समिति अनुरोध करती है कि जिस होमस्टे में वह रैथल में विश्राम करें वहां से दयारा बुग्याल में अपने रात्रि विश्राम की व्यवस्था करते हुए चले, क्योंकि बुग्याल में रात्रि व्यवस्था के सीमित संसाधन है लिहाजा स्थानीय लोगों से अपनी रात्रि विश्राम की पूर्व व्यवस्था करवाना ज्यादा बेहतर रहेगा। 17 अगस्त को सुबह दयारा बुग्याल भ्रमण के साथ ही बटर फेस्टिवल के अनूठे उत्सव का हिस्सा बनने के बाद पर्यटक वापिस रैथल लौट कर अपने अपने गंतव्य को रवाना हो सकते हैं।
इस मौके पर ये रहे मौजूद
आयोजन की तैयारी को लेकर समिति ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया से जानकारी साझा की। इस मौके पर देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा, रैथल गांव के प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र राणा, नटीण ग्राम प्रधान महेंद्र पोखरियाल, बंद्राणी गांव से प्रतिनिधि सुदर्शन चौहान, क्यार्क गांव से प्रतिनिधि पदम रावत समेत अन्य मौजूद रहे।