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उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का दावा प्रश्नपत्र लीक होने या उसकी गोपनीयता भंग होने का कोई प्रश्न नहीं उठता

देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षाओं के पेपर लीक सम्बंधी खबर का खंडन किया है। आयोग ने देर रात को प्रेसनोट जारी कर कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने या उसकी गोपनीयता भंग होने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। उल्लेखनीय है कि आज बेरोजगार संगठनों ने प्रश्नपत्र लीक होने और सील टूटने समेत कई मुद्दों पर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। इसके बाद कुछ न्यूज़ पोर्टल पर खबर प्रसारित हुई तो आयोग ने रात को बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्थिति स्पष्ट की।

पढ़िए लोक सेवा आयोग का प्रेसनोट

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने आज एक प्रेस नोट के जरिए  सोशल मीडिया में IELTS की परीक्षा के उपरान्त जो उत्तर-पुस्तिकाओं के रास्तें में छेड़छाड़ किए जाने संबंधी चर्चाओं पर स्थिति साफ की है लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं यथा राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी/लेखपाल) परीक्षा-2022, कनिष्ठ सहायक परीक्षा-2022 तथा सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा-2021 के पेपरलीक से जोड़ने का प्रयास किया गया है, वह निश्चित रूप से भ्रामक तथा तथ्य से परे है।

एतद्द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा जो भी परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, उसमें गोपनीयता, पारदर्शिता को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु संबंधित मुद्रक द्वारा जिस वाहन से गोपनीय सामग्री आयोग को प्रेषित की जाती है, वह वाहन सीलबंद होता है। उक्त सीलबंद वाहन को आयोग के उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में पूरी वीडियोग्राफी क साथ खोला जाता है। तत्पश्चात् उक्त वाहन में रखे हुए सीलबंद गोपनीय डिब्बों को संबंधित जनपदों में सुरक्षा के साथ कोषागारों के डबल लॉक में सुरक्षित रखा जाता है। नोडल अधिकारियों / प्रशासनिक अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया जाता है। परीक्षा के दिन सीलबंद डिब्बों को संबंधित जनपदों के कोषागार के “डबल लॉक ” से निकालकर समय से परीक्षा केन्द्रों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट के द्वारा उत्तरदायी अधिकारियों को प्राप्त कराया जाता है, जिसे संबंधित परीक्षा केन्द्र के प्रधानाचार्य, केन्द्रपर्यवेक्षक, कक्ष निरीक्षक एवं आयोग प्रतिनिधि की उपस्थिति में नियत समय पर उक्त गोपनीय सीलबंद डिब्बों वीडियोग्राफी के साथ प्रत्येक परीक्षा केन्द्रों पर खोला जाता है। ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र लीक होने या उसकी गोपनीयता भंग होने का कोई प्रश्न नहीं उठता है।

अतः प्रश्नपत्रों की गोपनीयता के संबंध में आज दिनांक 20 मार्च, 2023 को सोशल मीडिया पर प्रसारित सूचना तथ्यहीन, भ्रामक तथा निराधार है।

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