
देहरादून। उत्तराखंड के गाजणा पट्टी में हल्दी उत्पादन कर ग्रामीण आत्म निर्भर बनेंगे। इससे जहां गांव में पलायन रुकेगा, वहीं बेरोजगारों को घर गांव में ही रोजगार मिलेगा। जबकि हल्दी उत्पादन कर स्थानीय स्तर पर उद्योग स्थापित किया जाएगा।
डुंडा ब्लाक के गाजणा पट्टी में गाजणा हल्दी उत्पादन को लेकर काम कर रही प्रोफेसर मधु थपलियाल ने कहा कि बंजर भूमि को उर्वरक बनाने, बेरोजगार हाथों को रोजगार और पलायन को रोकने को लेकर काम किया जा रहा है। इस दौरान तकनीकी स्रोत केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम में नैपड गांव के प्रधान माता प्रसाद भट्ट ने कहा कि जो लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने गाँव में बंजर पडी जमीनों को हरा भरा करने, जरूरत मंद हाथों को रोजगार देने, तथा गाँव के खाली पड़े घर मकानों को आबाद करने के जज्बे के साथ ग्रामीणों के बीच आते हैं, उनका कद और सम्मान हर पद और कुर्सी से ऊँचा होता है। भट्ट ने कहा कि उनके गाँव से 95 फीसद लोग रोजी रोटी के लिए पलायान कर चुके हैं, गाँव वीरान पड़ा हैं और जमीने बंजर। ऐसे में ग्रामीणों को हल्दी की खेती के लिए उत्साहित करना ग्रामीणों को गाँव की और तो लायेगा ही अपितु उनको आत्मनिर्भर भी बनाएगा। उन्होंने प्रो मधु थपलियाल को धन्यवाद दिया और उनके पिता कमला राम नौटियाल को याद करते हुए कहा कि वे एक ऐसे नेता थे जो जनता के लिए पूरी तरह समर्पित थे और आज उनकी बेटी उनकी राह पर निकल पडी है। हल्दी परियोजना की प्रणेता प्रो मधु थपलियाल ने महिलाओं तथा अन्य को संबोधित करते हुये बताया कि गाँव में जितने भी बंजर पड़े खेत हैं, उन सब में हल्दी लगायें, लोग मेहनत करे और अपना रोजगार खड़ा कर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने महिलायों को प्रेरित करते हुये कहा कि वे अपने साथ साथ अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रोजगार तैयार कर सकती हैं। उन्होंने बड़े प्रसन्न होकर बताया कि आज गाज़णा हल्दी की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रहे है। कार्यशाला में ग्राम गढ़ की अनुसूचित जाती की महिला समूह, ग्राम प्रधान भेटीयारा, क्षेत्र पंचायत भेटीयारा, ग्राम प्रधान चौन्दियाट गाँव समेत अन्य कृषकों को गाज़णा हल्दी का वितरण किया गया। भेटियार के ग्राम प्रधान कुशली नौटियाल ने कहा कि अगर हम लोग प्रो मधु थपलियाल के द्वारा बताये गये तकनीकों का अनुसरण करेंगे तो ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। ग्राम सभा चौन्दियाट गाँव के ग्राम प्रधान मुलायम सिंह ने प्रो मधु थपलियाल का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उनको अपने ग्राम सभा की बंजर पडी भूमि में कुछ आशा की किरण नज़र आ रही है और वो मेहनत से इस कार्य को करवाएंगे। घराट मालिक नरोत्तम ने कहा कि उनकी अधिकाँश भूमि बंज़र है परन्तु वो आज इस गाज़णा हल्दी की खेती करने के लिए अति उत्साहित हैं। गढ़ की महिला कृषक रीना ने कहा कि प्रो मधु उन लोगों के लिए अच्छा काम कर रही है और हमे अपनी मेहनत से रोजगार देती हैं और समाज के लिए सोचती हैं. इसके लिए उन्होंने प्रो मधु को धन्यवाद दिया। कार्यशाला में रेखा, लक्ष्मी, गंगा राम, पूरण, पुष्पा, हेमलता, विजय्लाक्सामी, मथुरा देवी, जगता, कवी राम, देवराज आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन तथा अतिथियों ग्राफ़िक एरा डीम्ड विवि के प्रो आशीष थपलियाल ने किया।