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उत्तराखंड में बिजली दरें बढ़ाने के बजाए चोरी और लाइनलॉस पर ध्यान दें विभाग, संगठनों ने ये दी चेतावनी

देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ती बिजली की दरों का विरोध शुरू हो गया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर संयुक्त नागरिक संगठन तथा अखिल भारतीय उपभोक्ता समिति ने संयुक्त रूप से बार बार बिजली की दरें बढ़ाने का विरोध किया है। कहा कि यूपीसीएल को दरें बढ़ाने की बजाय लाइनलॉस और चोरी के मामलों में ध्यान देना होगा।

राजधानी में संयुक्त रूप से सिटी बैंक्विट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने विद्युत दरों में निरंतर मूल्य वृद्धि पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे आम उपभोक्ताओं पर नाजायज दबाव डालने की कोशिश बताया। कहा विद्युत दरों में भुगतान में वृद्धि की जगह विद्युत विभाग में फैले हुए भ्रष्टाचार, लाइन लॉस के नाम पर हो रही बिजली चोरी पर अंकुश लगाना जरूरी है। जिससे विभाग की आय में वृद्धि हो सकती है। आरटीआई क्लब के महासचिव आरएस धुनता ने मांग कि की विद्युत दरों में लगातार हो रही वृद्धि को रोका जाए। स्पेक्स संस्था के संस्थापक डॉक्टर बृजमोहन शर्मा ने खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट से आम जनजीवन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावो को रेखांकित करते हुए कहा मिलावटखोरों को पर कठोर अंकुश लगाने हेतु राज्य के सभी जिलों में जांच लैब स्थापित किया जाना जरूरी है। इससे इन अपराधों को रोका जा सकेगा। अन्य वक्ताओं ने भी जहां उपभोक्ताओं को जागरूक करने पर जोर दिया वहीं सरकारी सेवाओं को नाकाफी बताते हुए इसमें सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। वक्ताओं कहा कि पैसा कमाने की अन्धी दौड मे शामिल जहरीली शराब के विक्रेताओ, निर्माताओ को भी फासी की सजा दिलाए जाने की मांग की। कहा कि उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने हेतु इस विषय को शिक्षा को एक अंग बनाये जाने की भी मांग की। कार्यक्रम में अवधेश शर्मा, दिनेश भंडारी, केडी सिंह, जितेंद्र डंडोना,प्रदीप कुकरेती, हाजी सलीम अहमद, सत्यपाल सिंह पवार, यज्ञ भूषण शर्मा, विशंभर नाथ बजाज,अमरजीत सिंह भाटिया, जी एस मदान,मुकेश नारायण शर्मा,ब्रिगेडियर केजी बहल, योगेश अग्रवाल,आदि शामिल थे। संचालन सुशील त्यागी सचिव संयुक्त नागरिक संगठन ने किया है।

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