
देहरादून। दिल्ली के होटल कारोबारी अमित जैन आत्महत्या मामले में उत्तराखंड के वरिष्ठ आईपीएस के बाद अब एक आईएएस का भी नाम चर्चा में आया है। सोशल मीडिया में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं चलने लगी हैं। हालांकि अभी दिल्ली पुलिस ने न तो आईपीएस का नाम सार्वजनिक किया और न ही उत्तराखंड पुलिस के पत्र का जवाब दिया है। ऐसे में शक है कि पूरे मामले में कहीं सबूत तो नहीं मिटाए जा रहे हैं। इधर, सूत्रों का कहना है कि आत्महत्या करने वाले कारोबारी के मोबाइल और सुसाइड नोट में सारे राज बंद हैं, जो दिल्ली पुलिस के पास बताए जा रहे हैं।
मूल रूप से बागपत उत्तरप्रदेश निवासी अमित जैन ने दिल्ली के खेल गांव स्थित फ्लैट में 19 नवम्बर को संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया था कि कौशम्बी स्थित फाइव स्टार होटल में घाटा आने और 300 से ज्यादा के कर्ज में डूबने से अमित जैन ने आत्महत्या की थी। इस दौरान एक सुसाइड नोट के भी चर्चा में आने की बात सामने आई थी। इस मामले में सोशल मीडिया में एक वरिष्ठ पत्रकार ने ट्वीट कर उत्तराखंड के एक वरिष्ठ आईपीएस का नाम पूरे प्रकरण में शामिल बताते हुए लिखा कि आईपीएस की काली कमाई वापसी के दबाव में अमित जैन ने आत्महत्या कर ली थी। यह खबर पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में आग की तरह फैली हुई है। इससे शासन से लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना पर आनन फानन में पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी लॉ एंड आर्डर वी मुरुगेशन ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखते हुए स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया। लेकिन अभी इस पत्र का भी जवाब नहीं मिला कि आज पूरे मामले में एक वरिष्ठ आईएएस का नाम उछल गया है। सोशल मीडिया की खबरों पर भरोसा करें तो आरोपी आईएएस इन दिनों स्टडी लिव पर हैं। लेकिन आईपीएस की तरह यब आईएएस कौंन है, इसका अमित जैन या फिर आईपीएस से क्या कनेक्शन है, इसको लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। उधर, उत्तराखण्ड पुलिस ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर को भेजे पत्र में कहा कि इस प्रकरण में जो भी शामिल है, उसका नाम सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए। बहरहाल दिल्ली पुलिस ने उत्तराखंड के पत्र का जवाब नहीं दिया है। इससे कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।