उत्तराखंडकानून को ठेंगाचिंताजनकनशे के सौदागर

उत्तराखंड भी पहुंचा फ्रांस मेड भांग, चरस और स्मैक पीने वाला कैप्टन गो-गो, पुलिस ने पहाड़ के इस शहर में पकड़ा बड़ा जखीरा

देहरादून। सावधान, कहीं आपके घर तक “कैप्टन गो गो” यानी कि “चरस, भांग और स्मैक” जैसे नशे के उपयोग में आने वाला “ओसीबी और ओडीसी” पेपर तो नहीं पहुंच गया। पौड़ी पुलिस ने जब आज श्रीनगर में “बेचोगे नशा तो पाओगे सजा” अभियान चलाया तो यहां फ्रांस मेड ओसीबी वर्जिन पेपर पैकिंग का जखीरा बरामद हुआ। पान, किराने और नशे का सामना बेचने वालों से श्रीनगर पुलिस ने करीब 70 पैकेट बरामद किए। इस दौरान 18 दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इंस्पेक्टर हरिओम सिंह चौहान ने बताया कि अभियान अभी जारी रहेगा। किसी भी नशे के सौदागर को छोड़ा नहीं जाएगा।

उत्तराखंड भी उड़ता पंजाब के पद चिन्हों पर आगे बढ़ रहा है। मैदानी जिलों में जहां हुक्का बार, रेव पार्टी और अन्य आयोजन में नशेड़ियों का जमघट लगा रहता है। वहीं पहाड़ की शांत वादियों में स्मैक, चरस, भांग जैसे नशे की लत में युवा बर्बाद हो रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एसएसपी पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने देवभूमि ड्रग्स फ्री अभियान के तहत जनपद के सभी थाना, चौकी क्षेत्र में अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसएसपी का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी द्वारा नशे के भंवर में फंसकर अपना जीवन बर्बाद करने पर तुले हैं। ऐसे में नशा बेचने और इसका सेवन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में आज श्रीनगर कोतवाली पुलिस ने इंस्पेक्टर हरिओम सिंह चौहान के नेतृत्व में पान, सिगरेट, किराने की दुकानों पर ODC/OCB पेपर बेचने वालों के विरूद्ध अभियान चलाया। इस दौरान अभियान चलाकर करीब 18 दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। जिनमें से 15 दुकानदारों से रू0 7,500/- का संयोजन शुल्क प्राप्त कर राजकीय कोष में जमा किया गया। जबकि 03 दुकानदारों के चालान कर  न्यायालय प्रेषित किये गये। इस दौरान 70 पैकेट ODC/OCB पेपर जब्त कर मौके पर ही नष्ट किए गए।

ऐसे पहचाने जा सकते नशेड़ी

यदि आपका बेटा, भाई या घर का कोई सदस्य आजकल खुद में ही खोया रहता है, अकेले रहना उसे पसंद है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। अच्छी तरह से पड़ताल कर लें, कहीं आपके घर पर ‘कैप्टन गोगो’ यानी ओडीसी और ओसीबी ने दस्तक तो नहीं दे दी है। यदि ऐसा दिखे तो गहन जांच करें। ऐसे युवाओं पर नजर रखें कि वह कहां जाता और क्या करता है।

मामूली सा काजग नशे का सामान

देखने में मामूली सा कागज नजर आने वाले इस कैप्टन गोगो में ही युवा अब भांग, चरस, गांजा, अफीम और स्मैक भरकर पी रहे हैं। जिस प्रकार युवाओं की भीड़ इन कागजों को खरीद रही है उससे अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके बच्चे किस कदर नशे का शिकार हो रहे हैं। इससे साफ है कि श्रीनगर जैसे क्षेत्र में ओडीसी, ओसीबी पेपर मिलने से यहां नशे के कारोबार का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मेड इन फ्रांस और दूसरे देशों से आता पेपर

ओडीसी और ओसीबी वाले मोटे कागज की स्ट्रीप को रोल करके फिल्टर बनाया जाता है। बारीक और मोटे कागज दोनों के सिरों पर लगी गोंद इसे आसानी से चिपका देती है। इस दौरान इसके अंदर भरी स्मैक, चरस और भांग जैसे नशे का सेवन युवा करते हैं। स्थानीय मार्क के अलावा मेड इन फ्रांस की ओसीबी वर्जिन पेपर पैकिंग भी हर जगह उपलब्ध है। वर्जिन पेपर नामक मेड इन फ्रांस की यह पैकिंग 10 से 15 रुपये में बेची जाती है। जबकि लोकल ब्रांड 5 से 8 रुपये का पैक मिलता है।

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