उत्तराखण्ड सतर्कता अधिष्ठान की बड़ी कार्रवाई, वर्ष 2025 में 26 घूसखोर अधिकारी-कर्मचारी रंगेहाथ गिरफ्तार

देहरादून। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सतर्कता अधिष्ठान ने वर्ष 2025 में प्रभावी और सख्त कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह जानकारी बुधवार को सतर्कता अधिष्ठान मुख्यालय देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरुगेसन (भा.पु.से.) ने दी।
प्रेस वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान प्रहलाद नारायण मीणा तथा पुलिस अधीक्षक सेक्टर देहरादून स्वतंत्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
निदेशक सतर्कता वी मुरूगेशन ने बताया कि वर्ष 2025 में कुल 21 ट्रैप मामलों में विभिन्न विभागों के 26 अभियुक्तों (06 राजपत्रित व 20 अराजपत्रित) को रिश्वत की राशि 5 लाख 94 हजार 100 रुपये लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर 1064 पर प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वर्ष 2025 में 14 प्रकरणों में 17 अभियुक्तों को घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए निदेशक सतर्कता द्वारा सभी संबंधित ट्रैप टीमों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा भी की गई।
28 प्रकरणों का किया गया निस्तारण
वर्ष 2025 में सतर्कता अधिष्ठान द्वारा
05 खुली जांच,
02 अन्वेषण एवं
21 ट्रैप मामलों सहित
कुल 28 प्रकरणों का सफल निस्तारण किया गया।
इसके अतिरिक्त 20 मामलों में आय से अधिक संपत्ति के संबंध में अभिसूचना संकलन कर खुली जांच एवं अभियोग पंजीकरण हेतु शासन को आख्या भेजी गई।
06 मामलों में सजा, 03 में दोष सिद्ध
विगत वर्ष में सतर्कता अधिष्ठान की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार के 06 मामलों में से 03 मामलों में अभियुक्तों को सजा सुनाई गई।
1064 और वेबसाइट पर 2209 शिकायतें
निदेशक सतर्कता ने बताया कि वर्ष 2025 में टोल फ्री नंबर 1064 व वेबसाइट के माध्यम से कुल 2209 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें
470 विजिलेंस एंगल
1739 नॉन विजिलेंस एंगल की थीं।
विजिलेंस एंगल की शिकायतों में से
14 पर ट्रैप कार्रवाई
02 मामलों में खुली जांच
तथा 83 मामलों में आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया।
15 शिकायतकर्ताओं को वापस की गई रिश्वत राशि
सतर्कता अधिष्ठान में शिकायतकर्ताओं की ट्रैप धनराशि लौटाने के लिए रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की गई है। इसके तहत अब तक 15 शिकायतकर्ताओं को कुल 2 लाख 47 हजार 500 रुपये की धनराशि वापस की जा चुकी है।
भविष्य की कार्ययोजना
निदेशक सतर्कता ने बताया कि आगामी वर्ष में—
एक वर्ष से अधिक लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण,
केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ समन्वय कर कर्मचारियों का प्रशिक्षण,
शैक्षणिक संस्थानों व सरकारी-अर्द्धसरकारी कार्यालयों में जनजागरूकता कार्यक्रम,
तथा पर्वतीय जनपदों में हेल्पलाइन नंबर 9456592300 (24×7) के माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायत करने की अपील की जाएगी।
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