सरकारी विद्यालयों में मार्च 2026 तक गर्ल्स टॉयलेट निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से पूरा करें

देहरादून। प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 8 मार्च 2026 तक गर्ल्स टॉयलेट निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से पूरा किया जाएगा, साथ ही स्कूलों में शौचालयों की सफाई और नियमित देखभाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसके अलावा प्रदेशभर के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा तथा सभी विभागों और जनपद स्तरीय कार्यालयों में 100 प्रतिशत ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जाएगी।
यह निर्देश मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में आयोजित सचिव समिति की बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी भी जुड़े रहे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने 26 से 28 दिसम्बर 2025 को आयोजित मुख्य सचिव सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को सचिवों एवं जिलाधिकारियों के साथ साझा किया। स्कूलों में शौचालय और सफाई पर विशेष जोर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शौचालय तो उपलब्ध हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था के अभाव में उनका उपयोग नहीं हो पा रहा। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टॉयलेट और उनकी साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए वर्क प्लान शीघ्र तैयार किया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों का 2 से 3 दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया, जिससे बच्चों को अपने राज्य की संस्कृति, विरासत और विशेषताओं को जानने का अवसर मिल सके। आंगनवाड़ी केंद्रों को मिलेगा नया स्वरूप मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को आवश्यक सुविधाओं से लैस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2026-27 के सीएसआर फंड का पूर्ण उपयोग आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास में किया जाए।
उन्होंने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लें। साथ ही, नए आंगनवाड़ी केंद्र स्कूलों के समीप स्थापित करने के निर्देश दिए, जिससे आंगनवाड़ी और स्कूल के बीच का अंतर कम हो सके।
खेल और भविष्य की तैयारी मुख्य सचिव ने खेल विभाग को निर्देश दिए कि वह अपने उपलब्ध खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का वर्षभर अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना बनाए। उन्होंने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शीघ्र शुरू करने की बात कही और कहा कि वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों को लक्ष्य बनाकर अभी से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को तैयार करना होगा। उन्होंने प्रतियोगिताओं के माध्यम से 1000 से 1500 प्रतिभाशाली बच्चों को चिन्हित कर प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। साथ ही, जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट के तहत सबसे अधिक खेले जाने वाले खेल को चिन्हित करने को कहा।
ई-ऑफिस और बायोमैट्रिक व्यवस्था
मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने अधीनस्थ विभागों और जिला कार्यालयों में 100 प्रतिशत ई-ऑफिस लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि गृह विभाग सहित कुछ विभागों में यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो चुकी है।
उन्होंने आईटीडीए को ई-ऑफिस के विस्तार के साथ-साथ आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति को सैलरी (आईएफएमएस सिस्टम) से जोड़ने हेतु शीघ्र मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
मुख्य सचिव ने पर्यटन सचिव को निर्देश दिए कि वन स्टेट वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के तहत प्रदेश के 5 से 7 प्रमुख पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया जाए। इसके लिए सभी जिलों से उनकी सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों की सूची शीघ्र मांगी जाएगी। इसके साथ ही, जनपदों को अपने विशेष त्योहारों के प्रचार के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल भी चिन्हित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित
बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रशांत जोशी, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, बृजेश कुमार संत, दीपक रावत, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, सी. रविशंकर, रणवीर सिंह चौहान, धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
