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इलाज को तड़प रहे “रविंद्र” के लिए देवदूत बनी “एसडीआरएफ”

देहरादून ।प्रकृति की विपरीत परिस्थितियों में जब हर रास्ता बंद हो जाए, तब सिर्फ हिम्मत और सेवा-भाव ही उम्मीद की किरण बनते हैं। उत्तरकाशी के बोंगाड़ी निवासी रविंद्र सिंह (38 वर्ष) के लिए एसडीआरएफ और जिला प्रशासन ने यही उम्मीद की डोर थामकर उन्हें जीवनदान दिया।

जानकारी के अनुसार सोमवार को गांव में गिरने से रविंद्र को गंभीर हेड इंजरी हो गई। उत्तरकाशी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत देहरादून रेफर किया। रविंद्र के परिजन बारिश से जूझते हुए सोमवार रात करीब 10 बजे रवाना हुए। परंतु मंगलवार सुबह 3 बजे जैसे ही मसूरी पहुँचे, मुख्य मार्ग बंद मिला। परिजन रविंद्र को बार-बार दौरे पड़ने पर मसूरी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उन्हें फिर दून रेफर किया। मजबूरी में परिजन कैम्पटी और थत्यूड़ के लंबे चक्कर से गुजरने के बाद विकासनगर के रास्ते दून लाने की कोशिश में रातभर लगभग 50–60 किलोमीटर घूमने के बावजूद हर तरफ सड़क ध्वस्त मिले। थके-हारे परिजन अंततः वापस मसूरी लौट आए। इस बीच रविंद्र की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने जितना संभव हो सका, प्राथमिक उपचार से राहत दी। लेकिन उन्हें समय रहते दून अस्पताल पहुँचाना ज़रूरी था।

यह मामला जब एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी और डीएम देहरादून सविन बंसल के संज्ञान में आया, तो तत्काल रेस्क्यू टीम बनाई गई। पहले हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू की योजना बनी, लेकिन लगातार खराब मौसम और तीन घंटे इंतज़ार के बाद भी आसमान साफ न होने से यह संभव न हो सका। तब सड़क मार्ग से लाने का निर्णय लिया गया। एसडीएम राहुल आनंद और एसडीआरएफ इंस्पेक्टर ललिता नेगी के समन्वय में एसडीआरएफ टीम रविंद्र को निकालने पहुँची।जगह-जगह टूटी सड़कों और बंद रास्तों को पार करना, निर्माणाधीन पुल से घायल को स्ट्रेचर पर निकालना और बारिश की मार से क्षतिग्रस्त बेहद जोखिम के साथ रविंद्र को एसडीआरएफ टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना सुरक्षित देहरादून अस्पताल पहुँचाया। इस दौरान साथ चल रहे परिजन पत्नी सुनीता देवी, भाई वीर सिंह गुसाईं भावुक होकर बोले हमारी उम्मीद लगभग खत्म हो गई थी। लेकिन एसडीआरएफ हमारे लिए देवदूत बनकर आई। अब रविंद्र को आगे अच्छा इलाज मिलेगा, इसकी परिजन उम्मीद कर रहे हैं। फिलहाल रविंद्र दून अस्पताल में उपचाराधीन हैं और परिजनों ने एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी, डीएम सविन बंसल, एसडीएम राहुल आनंद और पूरी रेस्क्यू टीम का आभार जताया है।

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