Uttarakhandउत्तराखंडधार्मिक आयोजनपर्व

बाबा की नगरी में गूंजे शिव महापुराण के मंत्र, आस्था-सेवा और सम्मान के संग 45वां वार्षिक आयोजन संपन्न

देहरादून। हिमालय की गोद में बसी भूतभावन बाबा काशी विश्वनाथ जी की पावन धरा पर इन दिनों श्रावण मास का उल्लास और शिव भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। यहां मंदिर में यूं तो हर दिन धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं, लेकिन सवान के पर्व पर विशेष महात्तम के चलते भक्त शिव की आराधना में लीन रहते हैं। इसी क्रम में हर सवान की भांति इस बार भी महंत जयेंद्र पुरी के मार्गदर्शन में आयोजित शिवमहापुराण कथा की 45वीं आवृत्ति  का रविवार को विधि-विधान, भक्ति-भाव और सेवा की महक के साथ भव्य समापन हुआ।

शिव महापुराण के अंतिम दिवस की सुबह से ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सभी यजमान परिवार पवित्र वस्त्र धारण कर, आचमन और संकल्प के साथ यज्ञशाला में विराजमान हुए। वेदमंत्रों की गूंज, शंखनाद और घंटा-घड़ियाल की ध्वनि के बीच परम श्रद्धेय वृंदा प्रसाद शास्त्री जी ने कथा की पूर्णाहुति कर सभी को शिवकृपा का आशीर्वाद दिया। उन्होंने व्यास पीठ से उत्तरकाशी की देवतुल्य जनता को कथा में दिए गए स्नेह और सहभाग के लिए नमन किया तथा सेवा में जुटे सभी मंडलों का आभार व्यक्त किया।

इस पुण्य अवसर पर राजनीति, समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र के कई विशिष्ट जन भी उपस्थित रहे। पूर्व लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनीष राणा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी और “पर्यावरण प्रेमी” के नाम से विख्यात प्रताप पोखरियाल तथा उनके छोटे भाई, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रेम पोखरियाल का विशेष सम्मान किया गया।

हर वर्ष की भांति इस बार भी “बाबा के सेवक” सम्मान समारोह ने आयोजन को विशेष बना दिया। सबसे पहले प्रांतीय रक्षक दल (PRD) उत्तरकाशी की वीर महिला सेविकाओं को सम्मानित किया गया। इसके बाद श्री काशी विश्वनाथ आईटी सेल — जिनके अथक प्रयासों से कथा का लाइव प्रसारण देश-विदेश तक पहुंचा के संयोजक संयम बिष्ट, राजीव कुडियाल, आयुष बिष्ट, कैलाश प्रजापति और मंदीप रावत को भी व्यास पीठ से अभिनंदन प्राप्त हुआ। गौ सेवा समिति में योगदान देने वाले नन्हे वंश और वंशीका राणा को भी आशीर्वाद और सम्मान मिला।समापन अवसर पर महंत अजय पुरी ने सभी श्रद्धालुओं, यजमानों और सहयोगियों का धन्यवाद करते हुए बाबा भोलेनाथ से उत्तरकाशी की सुख-समृद्धि, शांति और सर्वांगीण विकास की प्रार्थना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाला वर्ष भी इसी भक्ति, सेवा और सांस्कृतिक उत्साह से ओतप्रोत रहेगा।

कथा के समापन दिवस पर महंत अजय पुरी, शैलेन्द्र नौटियाल, कन्हैया सेमवाल, किरन खरोला, मोहन डबराल, विजय पुरी, महाजन, गोपाल रावत, राहुल, हेमराज बनूनी, कुशाल पंवार, किरन पंवार, जगदम्बा चौहान, सरिता डबराल, शकुन्तला गुसाई, मंदीप रावत, आयुष कोटनाला, कैलाश प्रजापति, अंकित ममगई, संयम बिष्ट, आयुष बिष्ट सहित अनेक शिवभक्तों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी।

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