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उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी में जल प्रलय से आधा धराली तबाह, सैकड़ों लापता

देहरादून। उत्तरकाशी जनपद की हर्षिल में जल प्रलय से आधा धराली तबाह हो गया है। खीर नदी में बादल फटने और ग्लेशियर का मलबा आने से धराली बाजार और गांव में सैकड़ो दुकाने, घर, होटल, ढाबे आदि मलबे में जमींदोज हो गए हैं। इस दौरान धारली में करीब 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा श्रीकंठ पर्वत रेंज से लगे हर्षिल में तिल गाड़ में भी बादल फटने से हर्षिल आर्मी कैंप का आधा हिस्सा तबाह हो गया है। इससे आर्मी के जेसीओ समेत एक दर्जन जवान लापता बताए जा रहे हैं। उधर, मलबा आने से गंगा नदी में झील बनने से निचली भागीरथी घाटी भी खतरे की जद में आ गई है।

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही के बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस बात की संभावना जताई है कि संबंधित क्षेत्र में ढाई घंटे के अंतराल पर 01 नहीं, बल्कि 03 बादल फटे हैं। तीन बादल फटने की आशंका इसलिए भी बलवती हो रही है, क्योंकि सेना ने हर्षिल कैंप से 10 जवानों के लापता होने की जानकारी दी है। जल शक्ति मंत्रालय के हवाले से जो जानकारी समाने आई है, उसके अनुसार बादल फटने की दूसरी घटना हर्षिल और गंगनानी के बीच सुक्की टॉप के पास दोपहर बाद करीब 03 बजे घटित हुई। वहीं, बादल फटने की तीसरी घटना हर्षिल आर्मी कैंप के पास तेल गाड़ में बताई जा रही है। जिससे मलबे के कारण कृत्रिम झील बन गई और भागीरथी नदी के प्रवाह में भी बाधा पहुंची। झील बनने से हर्षिल हैलीपेड भी जलमग्न हो गया।

यह बात भी सामने आई है कि चूंकि धराली क्षेत्र में भीषण तबाही मची, इसलिए सरकारी मशीनरी का पूरा फोकस उसी क्षेत्र में रहा। हालांकि, जिस तरह क्षेत्र विशेष में तीन बादल फटने की बाद सामने आ रही है, उससे देखते हुए जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है। फिर भी देर रात तक सिर्फ 04 व्यक्तियों के मौत की पुष्टि की जा सकी है।आशंका है कि बड़ी संख्या में लोग भारी मलबे में दबे हो सकते हैं। क्योंकि, बताया जा रहा है कि संबंधित क्षेत्र में हारदुध मेला भी लगा था। जिसमें शामिल होने के लिए दूसरे गांवों से लेकर धराली के निवासियों के रिश्तेदार भी आए थे।इस समय सरकार और राहत, बचाव दलों का पूरा ध्यान घायलों की मदद और प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने पर है। क्योंकि, जो लोग इस विभीषिका से बच गए हैं, उन पर कोई नया संकट खड़ा न हो सके।

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