सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल हत्याकांड में 18 साल बाद मिला न्याय, पेंटर ने करोड़ों की प्रॉपर्टी के लिए की थी हत्या, उम्र कैद की सजा
देहरादून। राजधानी देहरादून में करीब 18 साल पहले प्रॉपर्टी हथियाने के लिए हुई सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल हत्याकांड में अपर जिला जज द्वितीय की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल रहे पेंटरों को सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल की हत्या के लिए दोषी पाया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी महमूद अली को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जबकि अली का sath देने वाले नईम राहत को 7 साल का कठोर कारावास के साथ अर्थडण्ड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता जय ठाकुर के अनुसार अपर जिला जज महेश्चन्द्र कौशिवा की कोर्ट ने करीब 18 साल पहले सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल के घर में पुताई के काम करने वाले पेंटरों को हत्या की साजिश में दोषी साबित पाया है। इस मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी महमूद अली निवासी कचहरी रोड़ कोतवाली देहरादून को उम्र कैद और अर्थडण्ड की सजा सुनाई है। जबकि तथा महमूद का साथ देने वाले नईम राहत को 7 साल की कठोर कारावास और अर्थडण्ड की सजा सुनाई है। आरोपियों में कुतुबद्दीन उर्फ सन्नी निवासी की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी। इससे उनके खिलाफ कार्यवाही रुक गई थी। जबकि चौथे आरोपी तेजपाल के खिलाफ पुख्ता सबूत न मिलने पर बरी हो गया था। गौरतलब है कि जनवरी 2006 में डालनवाला की म्युनिसिपल रोड निवासी सरदार पुष्पेंद्र दुग्गल की संदिग्ध परिस्थितियों में गुमशुदा हो गए थे। उनकी भांजी मंजीत चावला द्वारा पहले गुमशुदा और फिर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच में पाया कि कुछ लोगों ने पुष्पेंद्र दुग्गल की प्रॉपर्टी को हथियाना के लिए यह साजिश रची थी। मामले में पुलिस जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि पुष्पेंद्र दुग्गल के यहां पुताई का काम करने वाले पेंटर ने 70 वर्षीय दुग्गल को अकेला देखते हुए प्रॉपर्टी हथियाने के लिए साथियों के साथ साजिश रची है। पुलिस जांच में यह बात आई कि पेंटर ने साजिश के तहत पुष्पेंद्र दुग्गल की हत्या कर लाश को पहले गैराज में छुपाया था और उसके बाद लाश ठिकाने लगाने को चंद्रबनी चोयला के जंगल में जला दी थी। यही नहीं आरोपियों ने हत्या की कहानी को बदलने के लिए सरदार पुष्पेंद्र सिंह दुग्गल की मौत दिल्ली में हुए रेल हादसे में दिखाने की कोशिश भी की गई थी। लेकिन पुलिस की जांच में आरोपियों के पास पुष्पेंद्र दुग्गल की प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट बरामद होने पर आरोपी खुद ही फंसते गए। पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपियों ने साजिश की कड़ी दर कड़ी खोल दी। इस मामले में पुलिस द्वारा करीब 19 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने मामले में बड़ा फेसला दिया है।
विवेचना में लापरवाही पर कोर्ट सख्त
इधर, अपर जिला जज की कोर्ट ने हत्या जैसे गंभीर मामले में पुलिस की तरफ से विवेचना के दौरान गंभीर लापरवाही पाए जाने जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को इस आशय से भेजने के निर्देश दिए कि मुकदमे में विवेचना अधिकारियों द्वारा बरती गई गंभीर लापरवाही के लिए कार्यवाही अमल में लाई जाए।