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दून का कैप्टन “दीपक” खाड़ी में विद्रोहियों के सामने 23 लोगों के लिए बने “देवदूत” पढ़िए पूरी कहानी

देहरादून। दून के कैप्टन दीपक शर्मा ने खुद की जान की परवाह न कर कईयों की जान बचाई। दीपक ने मालवाहक जहाज में तैनात 23 सदस्य टीम को हाउती विद्रोहियों के मिलाइल हमला पर सभी की जान बचाई है। कैप्टन शर्मा ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायलों को राहत नौका तक पहुंचा कर सभी को नया जीवन दिया है। इससे कैप्टन दीपक की हर कोई तारीफ कर सल्यूट कर रहे हैं। अदन की खाड़ी में हाउती विद्रोहियों के मिसाइल हमले का शिकार बने एक मालवाहक जहाज के 23 चालक दल सदस्यों को भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने बचाया है। इनमें एक भारतीय भी शामिल था। यह भारतीय कोई और नहीं बल्कि दून निवासी कैप्टन दीपक शर्मा हैं। उन्होंने अपने क्रू मेंबर की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। उनके जहाज पर हाउती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला कर दिया था। बारबोडोस का ध्वज लगाए यह जहाज अदन की खाडी से गुजर रहा था। इस हमले के कारण जहाज में आग लग गयी। हमले में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य बुरी तरह से घायल हो गया।

जहाज में एकलौते भारतीय थे दीपक

23 सदस्यीय इस जहाज के कैप्टन इकलौते भारतीय व दून निवासी दीपक शर्मा ने जान की परवाह न करते हुए घायल सदस्य को कंधों पर उठाकर उन्हें राहत नौका तक पहुंचाया। इसके अलावा चार अन्य घायलों को भी बचाकर नाव तक पहुंचाया। इस बीच कैप्टन दीपक स्वयं ही आग से झुलस गये, लेकिन उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों को राहत नौका तक उतारा। बाद में एक घायल की मौत हो गई थी। हमले की जानकारी मिलने पर भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस कोलकत्ता ने इन सभी क्रू मेंबर्स को बचा लिया।

डिफेंस कॉलोनी के निवासी दीपक शर्मा

मर्चेंट नेवी के कैप्टन दीपक शर्मा देहरादून के डिफेंस कालोनी के निवासी हैं। वह पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल के दामाद हैं। वह पिछले 17 साल से मर्चेंट नेवी में तैनात हैं। उनके परिजनों का कहना है कि दीपक हमले में खुद घायल हो गए थे, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। इस जहाज पर वह इकलौते भारतीय थे। इस हमले में घायल दीपक और उनके साथियों का जिबोजी में इलाज चल रहा है।

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